पाकिस्तान की पोल खुली! सेना ने जिसे बताया ‘मासूम मौलाना…

वो निकला लश्कर-ए-तैयबा का खूंखार आतंकी

पाकिस्तान एक बार फिर अपनी करतूतों के चलते दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने एक शख्स को ‘मासूम मौलाना’ बताकर उसकी मौत को मानवाधिकार उल्लंघन का मामला बनाने की कोशिश की, लेकिन सच्चाई ने सबके होश उड़ा दिए। यह तथाकथित ‘मौलाना’ कोई और नहीं, बल्कि कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का खूंखार आतंकी निकला। इस खुलासे ने न केवल पाकिस्तान के झूठ को उजागर किया है, बल्कि आतंकवाद को पनाह देने की उसकी नीति पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आइए, इस सनसनीखेज खबर के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।

क्या है पूरा मामला?

पाकिस्तानी सेना ने हाल ही में दावा किया था कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वाबी जिले में कुछ ‘अज्ञात बंदूकधारियों’ ने एक ‘निर्दोष मौलाना’ की हत्या कर दी। सेना ने इस घटना को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहानुभूति बटोरने की कोशिश की। लेकिन जांच और खुफिया जानकारी ने पाकिस्तान के इस दावे की पोल खोल दी। मारा गया शख्स कोई साधारण मौलाना नहीं, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा का एक बड़ा आतंकी मौलाना काशिफ अली था, जो आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल था। इस खुलासे ने पाकिस्तान की उस चाल को नाकाम कर दिया, जिसके जरिए वह आतंकियों को बचाने और दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था।

मौलाना काशिफ अली: आतंकी की असलियत

मौलाना काशिफ अली लश्कर-ए-तैयबा का एक महत्वपूर्ण कमांडर था, जो भारत और अन्य देशों में आतंकी हमलों की साजिश रचने में शामिल रहा था। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, काशिफ अली स्वाबी जिले में एक मस्जिद को अपने ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करता था, जहां वह आतंकी गतिविधियों की योजना बनाता था। वह न केवल आतंकियों की भर्ती और प्रशिक्षण में शामिल था, बल्कि सीमा पार हमलों के लिए फंडिंग और हथियारों की व्यवस्था भी करता था। उसकी मौत को पाकिस्तानी सेना ने ‘मासूम की हत्या’ बताकर दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की, लेकिन सच्चाई सामने आने के बाद पाकिस्तान का यह दांव उल्टा पड़ गया।

पाकिस्तान का दोहरा चेहरा उजागर

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने आतंकियों को बचाने के लिए झूठ का सहारा लिया हो। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान लंबे समय से पनाह देता रहा है। 2008 के मुंबई हमले से लेकर 2019 के पुलवामा हमले तक, इन संगठनों ने भारत में कई बड़े आतंकी हमले किए, जिनके तार पाकिस्तान से जुड़े थे। काशिफ अली जैसे आतंकियों को ‘मौलाना’ या ‘निर्दोष’ बताकर पाकिस्तान न केवल अपनी जमीन पर आतंकवाद को बढ़ावा देता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश करता है। इस खुलासे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है और उसकी सेना आतंकियों की ढाल बनकर काम करती है।

खुफिया एजेंसियों की सक्रियता

मौलाना काशिफ अली की मौत के पीछे ‘अज्ञात बंदूकधारियों’ का हाथ बताया जा रहा है, लेकिन खुफिया सूत्रों का मानना है कि यह एक सुनियोजित ऑपरेशन का हिस्सा हो सकता है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान में कई बड़े आतंकियों की रहस्यमय ढंग से मौत हुई है, जिसके पीछे भारतीय या अन्य देशों की खुफिया एजेंसियों का हाथ होने की अटकलें लगती रही हैं। हालांकि, इस मामले में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। काशिफ अली की मौत ने लश्कर-ए-तैयबा को बड़ा झटका दिया है, क्योंकि वह संगठन के लिए एक अहम कड़ी था।

पाकिस्तान की सफाई और अंतरराष्ट्रीय दबाव

इस खुलासे के बाद पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि वह इस मामले को दबाने की कोशिश करेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर भारत, संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक रवैये को बार-बार उठाता रहा है। यह खुलासा भारत के उन दावों को और मजबूत करता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को सरकारी संरक्षण देता है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसे संगठन पहले ही पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए ग्रे लिस्ट में रख चुके हैं, और इस तरह के खुलासे उसके लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।

भारत की प्रतिक्रिया

भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस खुलासे के बाद और सतर्क हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठन काशिफ अली की मौत का बदला लेने के लिए भारत में हमले की साजिश रच सकते हैं। खासकर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां सीमा पर चौकसी बढ़ा रही हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके। साथ ही, भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाकर पाकिस्तान पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई

यह खुलासा आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। पाकिस्तान का दोहरा चरित्र बार-बार सामने आने से दुनिया के देश अब उसकी नीतियों पर सवाल उठाने लगे हैं। भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और इस खुलासे ने उसके रुख को और मजबूत किया है। यह घटना उन देशों के लिए भी एक चेतावनी है जो पाकिस्तान के साथ सहयोग करते हैं, क्योंकि उसकी जमीन पर पलने वाले आतंकी संगठन वैश्विक शांति के लिए खतरा हैं।

आतंकवाद पर कड़ा प्रहार जरूरी

मौलाना काशिफ अली का खुलासा पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन यह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का केवल एक हिस्सा है। भारत और अन्य देशों को मिलकर पाकिस्तान पर दबाव बनाना होगा ताकि वह आतंकी संगठनों को पनाह देना बंद करे। खुफिया एजेंसियों को और सक्रियता से काम करना होगा ताकि लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सके। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। यह खुलासा साबित करता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सतर्कता और एकजुटता सबसे बड़ी ताकत है।

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