
हाल ही में यूनिसेफ (UNICEF) ने पाकिस्तान में बढ़ते संकट को लेकर गंभीर चिंता जताई है। पाकिस्तान में 1 करोड़ से ज्यादा बच्चों का जीवन खतरे में है, और संगठन ने तुरंत कदम उठाने की अपील की है। यह संकट विशेष रूप से स्वास्थ्य और पानी की उपलब्धता से संबंधित है, जो बच्चों के जीवन के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकता है।
किस कारण से इतनी बुरी हालत हो गई है बच्चो की?
बाढ़ और प्राकृतिक आपदाएं रुकने का नाम ही नही ले रही हैं पाकिस्तान में हाल की बाढ़ों और अन्य प्राकृतिक आपदाओं ने देश के कई हिस्सों में तबाही मचाई है। इन आपदाओं ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है, खासकर बच्चों को, जो कई बीमारियों, कुपोषण और पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
पाकिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी बहुत हैं पाकिस्तान में बच्चों के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, और कई इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। इससे बच्चों में संक्रमण और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
पानी की कमी और कुपोषण बना बड़ा कारण बाढ़ और अन्य जल संकटों के कारण कई इलाकों में पानी की भारी कमी है। इससे बच्चों को साफ पानी की आपूर्ति नहीं मिल रही है, जिसके कारण पानी से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा, कुपोषण की समस्या भी गंभीर होती जा रही है।
टीकाकरण की कमी
पाकिस्तान में बच्चों के लिए पूरी तरह से टीकाकरण अभियान का कार्यान्वयन नहीं हो पा रहा है। इससे बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी वैक्सीनेशन नहीं मिल रहा है। पोलियो और खसरा जैसी बीमारियाँ अब भी कुछ हिस्सों में फैली हुई हैं, जो बच्चों के लिए गंभीर खतरा बनी हुई हैं।
पाकिस्तान की खतारनाक AQI जिससे सांस लेना हो रहा है मुश्किल
पाकिस्तान में वायु गुणवत्ता एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और कई शहरों में Air Quality Index (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। AQI एक माप है, जो वायु में प्रदूषण के स्तर को दर्शाता है, और यह लोगों के स्वास्थ्य पर किस तरह का प्रभाव डाल सकता है, इसका अनुमान लगाने में मदद करता है। पाकिस्तान के बड़े शहरों जैसे लाहौर, कराची, इस्लामाबाद, पेशावर और क्वेटा में पिछले कुछ वर्षों में वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया है। इसके कारण स्वास्थ्य संकट, सांस की बीमारियां, और दिल के रोग जैसे मुद्दे सामने आ रहे हैं।
यूनिसेफ ने क्या अपील किया?
यूनिसेफ ने पाकिस्तान सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तत्काल राहत कार्यों की शुरुआत करने की अपील की है। संगठन का कहना है कि अगर समय रहते उपाय नहीं किए गए तो लाखों बच्चों की जान जा सकती है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं, पानी की आपूर्ति, और कुपोषण से बचाव के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता जताई है। यूनिसेफ के अनुसार, इन बच्चों को तुरंत टीकाकरण, स्वास्थ्य देखभाल, और पानी की स्वच्छता के कार्यक्रमों से लाभ पहुंचाना आवश्यक है। इसके अलावा, उनके लिए सुरक्षित आश्रय और आहार भी सुनिश्चित करना होगा।
यह संकट पाकिस्तान में बच्चों के जीवन को प्रभावित कर रहा है और इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता और प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि बच्चों के जीवन को बचाया जा सके और इस संकट से उबारा जा सके। अगर समय रहते इन समस्याओं को हल नहीं किया गया तो पाकिस्तान में बच्चों की सेहत पर इसका और भी अधिक नकारात्मक असर हो सकता है। यह संकट पाकिस्तान के बच्चों के लिए एक गंभीर चुनौती है, और इससे उबरने के लिए वैश्विक सहयोग और संसाधनों की आवश्यकता है।