
जेल में बंद बदमाशों ने जेल प्रशासन को दी चुनौती
जोधपुर और बीकानेर जेलों में मोबाइल फोन मिलने और पुलिस को अनुमति नहीं देने पर कार्रवाई की गई है। वही जेल प्रशासन ने 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है। कैदियों से बड़े नेताओं को धमकियां देने और मोबाइल मिलने की गंभीर मामलों में सख्त कदम उठाए गए हैं इसके साथ ही और नए निर्देश जारी किए गए हैं।
जेल में बंद कैदियों की ओर से आए दिन बड़े नेताओं को जान से मारने की धमकियां देने के मामले में जेल प्रशासन एक्शन में आ गया है। इसके साथ ही जेल डीजी गोविंद गुप्ता ने अहम बैठक की है। वही बैठक के बाद देर शाम को जयपुर, जोधपुर और बीकानेर जेल के 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड भी कर दिया है। यह कार्रवाई जेलों में मिलने वाले मोबाइल फोन के लिए की गई है। एक तो जेल में बंद कैदियों की ओर से कॉल करके धमकियां देना और दूसरा जेल में तलाशी के दौरान मोबाइल मिलना अपने आप में गंभीर मामले हैं। वही जेल में मोबाइल मिलने के मामलों में जेल डीजी ने जेल प्रशासन की लापरवाही मानी है। उन्होंने नए निर्देश भी जारी किए जिनमें स्पष्ट लिखा है कि अगर जेल में प्रतिबंधित सामान मिला तो इसके लिए जेल प्रभारी को जिम्मेदार माना जाएगा।
प्रदेश की भिन्न भिन्न जेलों में बंद कैदी राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकियां दे चुके हैं। धमकियां देने वाले कैदियों को जेल प्रशासन और पुलिस का जरा भी डर नहीं है। वे बेखौफ होकर पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर पर कॉल करते हैं और खुद का नाम बताते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी देते हैं। सीएम भजनलाल शर्मा को अब तक चार बार धमकियां मिल चुकी है। चारों की मामलों में कैदियों ने जेलों से कॉल किए थे। वही हाल ही में जयपुर सेंट्रल जेल में बंद कैदी ने पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल करके डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा को भी जान से मारने की धमकी दी गयी थी। इसके साथ ही हालांकि इन सभी मामलों में पुलिस ने त्वरित एक्शन लिया और आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन जेल में मोबाइल मिलने अपने आप में बड़ा गंभीर मामला है।
जेल आईजी विक्रम सिंह का कहना है कि जयपुर और बीकानेर जेल में मोबाइल मिलने और जोधपुर जेल में सर्च करने पहुंची पुलिस टीम को अनुमति नहीं देने के मामले में कार्रवाई की गई है। वही इन प्रकरणों में 2 कारापाल, 2 उप कारापाल, 3 मुख्य प्रहरी और 4 जेल प्रहरियों को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही जयपुर सेंट्रल जेल के उपाधीक्षक इंद्र कुमार को हटाकर अग्रिम आदेशों तक सीकर कारागार भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि जेल में मोबाइल मिलने के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसके लिए नए निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं
इसके साथ ही राजस्थान सरकार की ओर से जारी ऑर्डर में जयपुर सेंट्रल जेल से 5, बीकानेर सेंट्रल जेल से 4 और जोधपुर सेंट्रल जेल से 2 कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है।