
केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में असम राज्य को लेकर बड़ा फैसला लिया है….केंद्र ने नोटिफिकेशन जारी कर असम के बेहद खास जिले से AFSPA हटा लिया है….जिले का नाम है डिब्रूगढ़ ….बीजेपी के नेता औऱ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम यानी अफस्पा को डिब्रूगढ़ जिले से हटा लिया गया है, और अब ये कानून राज्य के केवल तीन जिलों में लागू है.. असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने कहा- “”हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से डिब्रूगढ़ से अशांत क्षेत्र का टैग हटाने का अनुरोध किया था क्योंकि हम इसे राज्य की दूसरी राजधानी के रूप में विकसित करने की योजना बना रहे हैं… उन्होंने हमारा अनुरोध सुना और इस संबंध में केंद्र द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई … जैसे ही सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बात की घोषणा की वैसे ही गूगल पर AFSPA यानी ARMED FORCE SPECIAL POWER ACT की चर्चाएं तेज होने लगीं..आइये आपके बताते हैं आखिर ये अफस्पा है क्या…
दरअसल, अफसपा एक ऐसा कानून है जो भारत छोड़ो आंदोलन के समय अस्तित्व में आया लेकिन आजाद भारत के सबसे विवादित कानून में से एक रहा ..समय-समय पर अफसपा चर्चा का केंद्र बना कभी पंजाब में तो कभी मणिपुर में कभी त्रिपुरा में तो कभी असम में..जहां-जहां सरकार को जरूरत पड़ती वो इस कानून को लागू कर देती.. इस कानून के तहत डिस्टर्ब एरिया या यूं कहें की अशांत क्षेत्र में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को ये पावर देता है कि अगर कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो उसका एनकाउंटर बिना किसी permisiion के कर सकते हैं और इसके ही तहत किसी भी एरिया में बिना किसी वारंट के तलाशी लेने का अधिकार है..और ये अधिकार सिर्फ armed forces को ही है… फिलहाल असम सरकार ने ये घोषणा कर दी है कि इसे हटा दिया गया है जिसको लेकर सीएम सरमा ने कहा कि अब अफस्पा सिर्फ तीन जिलों में तिनसुकिया, शिवसागर और चराइदेव में लागू रहेगा.. उन्होंने आगे कहा, राज्य के 32 जिलों से अफस्पा वापस ले लिया गया है और हमें उम्मीद है कि इसे जल्द ही बाकी तीन जिलों से भी वापस ले लिया जाएगा…..आपको बता दें कि हिंसा को देखते हुए 1990 में राज्य को अफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया था, और राज्य सरकार की सिफारिश पर इसे तब से हर छह महीने में बढ़ाया गया है.. लेकिन साल 2021 में जैसे ही सरमा ने सीएम की गद्दी संभाली तब से ही अफस्पा को धीरे-धीरे वापस लिया जा रहा है… मंत्रालय के मुताबिक़, 2016 में असम में हिंसा की 75 वारदातें हुई हैं, जिसमें 33 लोग मारे गए हैं. इनमें 4 सुरक्षाकर्मी है और 14 लोग वो थे, जिन्हें अगवा किया गया था….इसके अलावा राज्य में 2017 में हिंसा की नौ घटनाएं हुई हैं, जिसमें दो सुरक्षाकर्मियों समेत चार लोग मारे गए. मंत्रालय के मुताबिक़, 2016 में असम में हिंसा की 75 वारदातें हुई हैं, जिसमें 33 लोग मारे गए हैं. इनमें 4 सुरक्षाकर्मी है और 14 लोग वो थे, जिन्हें अगवा किया गया था. इशके अलावा 1 अप्रैल, 2022 से पूरे असम राज्य से नौ जिलों और कछार जिले के एक उप-विभाग को छोड़कर इस अधिनियम को हटा लिया गया था। असम के डिब्रूगढञ जिले से हटाया गया AFSPA, दूसरी राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा