भाई-चारे में हड़पी जा रही है जमीन, पढ़े इन प्रॉपर्टी नियमों के बारे में और करे करवाई

आजकल प्रोपर्टी को लेकर इतने विवाद होते है की लोग प्रोपर्टी की वजह से मरने मारने पर उतर जाते हैं,आज के समय में प्रॉपर्टी खरीदना काफी महंगा हो गया है, इसलिए कई लोग मिलकर प्रॉपर्टी खरीदने का विकल्प चुनते हैं। जब किसी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक एक से अधिक लोगों के पास होता है तब विवाद और बढ़ जाता हैं।

ऐसे मामलों में आप कौन से कदम उठा सकते हैं:

  1. राजस्व विभाग में शिकायत दर्ज करें
    सबसे पहले, अपने जिले के राजस्व विभाग में जाकर शिकायत दर्ज करें। राजस्व विभाग भूमि संबंधी मामलों को देखता है, और वहां पर शिकायत दर्ज करने से मामले की जांच शुरू हो सकती है।
  2. पुलिस थाने में शिकायत करें
    भूमि धोखाधड़ी के मामले में आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर सकते हैं। एफआईआर में जमीन का पूरा विवरण और आपके हिस्सेदारी के कागजात शामिल करें। पुलिस इस पर तुरंत कार्रवाई कर सकती है और कानूनी जांच शुरू कर सकती है।
  3. सिविल कोर्ट में दावा करें
    अगर जमीन का विवाद जटिल हो गया है, तो आप सिविल कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं। कोर्ट में दावा दाखिल करते समय जमीन के मालिकाना हक, बंटवारे के दस्तावेज और अन्य सबूत प्रस्तुत करें।
  4. तहसील कार्यालय में शिकायत करें
    अगर यह मामला आपकी तहसील से जुड़ा है, तो आप तहसीलदार के पास भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। तहसीलदार के पास भूमि के स्वामित्व और हिस्सेदारी के मामले देखने का अधिकार होता है।
  5. जिला कलेक्टर या डीएम से संपर्क करें
    अगर पुलिस या अन्य विभाग से कोई सहायता नहीं मिल रही है, तो आप जिला कलेक्टर या जिलाधिकारी (DM) के पास भी शिकायत कर सकते हैं। कलेक्टर या डीएम के निर्देश पर प्रशासनिक जांच तेजी से हो सकती है।
  6. लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत शिकायत
    कुछ राज्यों में लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू है, जिसके तहत आप तय समय सीमा में कार्रवाई की मांग कर सकते हैं। इसके तहत आपको जल्दी ही सुनवाई और समाधान मिल सकता है।

कोर्ट में इन नियमों का कर सकते हैं प्रयोग

किसी संपत्ति को लेकर विवाद की स्थिति में, कानूनी कार्रवाई करना अत्यंत आवश्यक है। सबसे पहले, आपको न्यायालय में संपत्ति के बंटवारे के लिए एक आवेदन दायर करना चाहिए। साथ ही, संपत्ति को बेचे जाने से रोकने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के तहत आदेश 39 नियम 1 और 2 के अंतर्गत एक स्थगन आवेदन भी दायर करना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संपत्ति को आपके सहमति के बिना न बेचा जाए, आप अदालत से संपत्ति की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश मांग सकते हैं। यदि फिर भी संपत्ति बेच दी जाती है, तो आपको उस खरीदार को मुकदमे में पार्टी बनाकर अपने हिस्से का दावा प्रस्तुत करना होगा।

कागजी तरीके से मालिकाना हक़ पाए

जमीन का मालिकाना हक साबित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और कानूनी प्रक्रियाएं होती हैं। इन दस्तावेजों की मदद से कोई व्यक्ति अपनी भूमि पर स्वामित्व का दावा कर सकता है। जमीन खरीदने-बेचने के समय जमीन की रजिस्ट्री या सेल डीड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह बताता है कि जमीन को सही तरीके से खरीदा या बेचा गया है।रजिस्ट्री के समय इसे सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत कराना जरूरी होता है अगर जमीन सयुंक्त है तो सभी लोगो का सहमत होना अनिवारिया हैं।

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