
18 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले में ईडी की छापेमारी से हड़कंप मच गया है…. ईडी ने आज तड़के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर पर छापेमारी की है… ईडी की रेड अब भी जारी है… दरअसल पूरा मामला छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है…जिसमें ED ने बड़ी कार्रवाई की है…, पूर्व सीएम के घर में छापेमारी से सियासी हलचल बढ़ गई है…इसकी जानकारी खुद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया पर दी है…
दरअसल छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले में एक एफआईआर दर्ज है, जिसमें भूपेश बघेल का नाम शामिल था…. जिसमें ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने बघेल के आवास औऱ कई स्थानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं…
यह घोटाला 2019-2022 के दौरान का है जब लगभग 2 हजार161 करोड़ रुपए की अवैध वसूली का मामला सामने आया था…मामले में नए सबूत मिलने के बाद चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित घर की तलाशी ली जा रही है, जहां वो अपने पिता भूपेश बघेल के साथ रहते हैं….ईडी ने रायपुर में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आवास समेत कई ठिकानों पर एकसाथ रेड की है…. इस दौरान ED ने धरना घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज भी अपने कब्जे में ले लिए हैं और चैतन्य बघेल से पूछताछ की….
ईडी सूत्रों के मुताबिक कोई स्पष्ट जवाब ना मिलने के कारण चैतन्य कों हिरासत के लेकर पूछताछ करना जरूरी समझा गया… जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी कर की गई….वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने तलाशी को लेकर एक्स पर पोस्ट किया कि ED आ गई ..।
विधानसभा सत्र का आज अंतिम दिन है …आज अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाया जाना था….जिसे लेकर भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा , भिलाई निवास में साहेब ने ED भेज दी है… लेकिन हम डरेंगे नहीं. हम उनके सामने नहीं झुकेंगे. हम लड़ाई लड़ेंगे और ये सत्य की लड़ाई है. भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि देश के सभी विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा हैं. ईडी पहले भी मेरे घर आ चुकी है. हम एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करेंगे. हमें लोकतंत्र और न्यायालय पर भरोसा है.।
क्या है पूरा मामला:
ईडी ने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारियों, नेताओं और शराब कारोबारियों ने एक योजना चलाई जिसके तहत 2019 से 2022 के बीच छग राज्य में शराब की बिक्री से लगभग 2 हजार161 करोड़ की अवैध वसूली की गई. कथित घोटाले में शराब सप्लाई चेन में जमकर हेराफेरी की गई। जहां इन लोगों के माध्यम से सरकारी दुकानों से शराब की बिक्री और वितरण को नियंत्रित किया गया…. एजेंसी इससे पहले छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार से जुड़े नेताओं और नौकरशाहों सहित कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है…..ईडी ने जांच में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को इस घोटाले से हर महीने मोटी नकद रकम दी जाती थी. वहीं, शराब बनाने वाली कंपनियों से रिश्वत केस में ली जाती थी. ये शराब छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम की ओर से खरीदी गई थी.।
जांच के दायरे में ये भी मिला है कि बिना किसी रिकॉर्ड के कच्ची शराब की बिक्री होती थी, जिसका पैसा सरकार के पास न जाकर सीधे सिंडिकेट के जेब में गया है. साथ ही FL-10A लाइसेंस धारकों से भी विदेशी शराब के धंधे में एंट्री लेने के नाम पर रिश्वत वसूली जाती थी. ईडी इस मामले में अब तक लगभग 205 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अटैच कर चुकी है…पूरा 5000 करोड़ का घोटाला है…आखिर कांगएस राजेय में ये घोटाला कैसे हुआ…इसकी रकम कहां और किसको भेजी जाती थी….अब ईडी की पूछताछ में सामने आयेगा….फिलहास कार्रवाई चल रही है….और चैतन्य बघेल पुलिस हिरासत में हैं…