
5 जुलाई 2025: सीबीआई ने मेडिकल कॉलेज को घूस देकर मान्यता दिलवाने पर इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज ग्रुप के अध्यक्ष सुरेश भदोरिया सहित 35 लोगों पर केस दर्ज किया है ।
घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की कई टीमों ने शहर में कई जगह दबिश दी। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के रजिस्टर महाकाल चंदेल के तीन ठिकाने सहित सर्चिंग की।
कैसे हुआ नेटवर्क का खुलासा
सीबीआई की जांच रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज से शुरू हुई थी और यही से पूरे देश के मेडिकल कॉलेज के नेटवर्क का खुलासा हुआ। जांच में पता चला कि 40 से अधिक ऐसे कॉलेज हैं जो मान्यता न मिलने पर, इस फर्जी वाले में शामिल हुए । जिसमें इंडेक्स मेडिकल कॉलेज का नाम भी सामने आया। और फिर इस FIR में सुरेश भदोरिया को भी आरोपी बनाया गया ।
सीबीआई जांच में यह पता चला है कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष सुरेश भदोरिया सहयोगियों के साथ मिलकर कॉलेज में पोस्ट फैकेल्टी और फर्जी डिग्री का रैकेट चला रहे थे । वह सरकारी विभाग और मंत्रालय के अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर बड़ी रकम का लेनदेन कर मान्यता दिलाने का भी काम कर रहे थे ।
मान्यता संबंधी निरीक्षण सदस्यों की जानकारी दौरा रिपोर्ट आदि की गोपनीय जानकारी डील कर बड़े सरकारी विभाग के अफसर को हवाला के जरिए घूस देने का काम किया जाता था ।
जांच एजेंसी के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में भदोरिया कॉलेज को फर्जी तरीके से मान्यता और रेनवाल दिलाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे इसके बदले वह हवाला के जरिए मोटी रकम घूस के जरिए वसूलते थे ।
और फिर में मंत्रालय के अधिकारी चंदन कुमार को भी आरोपी बनाया गया है । वह भदोरिया को NMC के निरीक्षण से जुड़ी गोपनीय जानकारी देते थे । कौन सी टीम आएगी, कौन से सदस्य होंगे ,और निरीक्षण की क्या तारीख होगी। यह जानकारी एनएमसी निरीक्षक को दी जाती थी। इस केस के दर्ज होने के बाद 30 जून को सुरेश भदोरिया अंडरग्राउंड हो गए हैं।
कई बड़े अफसर भी निशाने पर
यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष और DAVV के पूर्व कुलपति डॉक्टर डीपी सिंह को भी आरोपी बनाया गया है उन पर आरोप है कि वह रावतपुरा कर कर मेडिकल कॉलेज को एमसी की पॉजिटिव रिपोर्ट दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे वर्तमान में वे TISS मुंबई में चांसलर हैं।
जांच में यह भी पता चला कि मंच से शॉर्टकट के लिए एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है जिसमें सुरेश भदौरिया और रावतपुरा सरकार उर्फ रवि शंकर महाराज की साझेदारी है यह दोनों भिंड के लहार के रहने वाले हैं।
सुरेश भदोरिया पर आरोप
सुरेश भदोरिया पर आरोप है कि कॉलेज के अध्यक्ष और डायरेक्टर से 3 से 5 करोड रुपए लेकर मान्यता दिलवाने का काम करते थे । यदि कोई भी संस्थान NMC के मानकों पर खरे ना उतरते हो।
सुरेश भदोरिया पर यह भी आरोप है कि कॉलेज में अस्थाई डॉक्टरों की नियुक्ति हेतु और NMC के निरीक्षण के समय स्थाई फैकेल्टी प्रदर्शित करते थे ।इसके लिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम में फिंगरप्रिंट क्लोन तैयार कर फर्जी थंब इंप्रेशन बनाए जाते थे और रेगुलर अटेंडेंस दर्शायी जाती थी ।