
मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों भूचाल मचा है……अलग अलग तरह के घपले घोटाले लगातार सामने आ रहे हैं…अभी 90 डिग्री ब्रिज का मामला सुलझा भी नहीं था अब जो खबर निकल कर आ रही है और उसमें जिस तरह की आशंका जताई जा रही है वो बेहद निंदनीय है क्योंकि ये मंत्रीपद की गरिमा के खिलाफ है….तो गौर करने वाली बात ये है कि जल जीवन मिशन से आखिर किसका बदला जीवन….क्या एमपी में जल जीवन मिशन चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेंट…क्या है एक हजार करोड़ रूपए के कमीशन का मामला…
जल जीवन मिशन में करोड़ों के कमीशन का लगा आरोप
मध्यप्रदेश के जल जीवन मिशन में करोड़ों के कमीशन का आरोप ऐसे नेता पर लगा रहा है कि लोग सकते में हैं……और पूरे मामले में जांच के घेरे में हैं मंत्री संपतिया उइके… जीहां आरोप लगाया है कि पूर्व विधायक किशोर समरीते ने, जिन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख दी है… उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के चलते राज्य को 30 हजार करोड़ रुपए दिए थे.. लेकिन मंत्री उइके ने इसमें से 1,000 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में ले लिए… उन्होंने 12 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री को चिट्ठी भेजकर पूरे मामले की जानकारी दी. ये खबर जब पीएमओ तक पहुंची तो ताबड़तोड़ तरीके से इस पर कार्रवाई भी शुरू हुई….और आरोपों के घेरे में मंत्री संपतिया उइके आ गईं….खुद मंत्री जी के विभाग के अधिकारी ने जांच बिठा दी….फिलहाल इस चिट्ठी के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्र सरकार ने मामले की रिपोर्ट तलब की है.. और अब PHE विभाग के प्रमुख अभियंता संजय अंधवान ने मंत्री पर जांच के आदेश जारी कर दिए हैं..वंही दूसरी तरफ इन आरोपों के बाद जैसे ही आदेश जारी हुए… वैसे ही मंत्री संपतिया उइके ने खुद सीएम से शिकायत की और कहा कि जिस अधिकारी ने जांच का आदेश दिया, उसे ऐसा करने का अधिकार ही नहीं है…
क्या ये देश का सबसे बड़ा घोटाला हो सकता है?
इस पूरे मामले में सबसे बड़ी आंच आ रही है खुद मंत्री संपतिया उइके पर….मंत्री उइके मप्र की कद्दावर और पुरानी नेता हैं….उन्हें धरतीपकड़ नेता कहा जाता है अपने क्षेत्र में अपने समाज में उनका अफना बड़ा रूतबा है….लेकिन अब उन पर आरोप लगे हैं हजार करोड़ के घोटाले के…शिकायतकर्ता का आरोप है कि मंत्री ने विभाग के अन्य कर्मचारियों के माध्यम से जलजीवन मिशन में कमीशन वसूला… इतना ही नहीं, हजारों फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर केंद्र को भेजे गए..यहां तक की शिकायतकर्ता का CBI जांच की मांग करते हुए कहना है… कि अगर सही जांच हो तो ये देश का एक बड़ा घोटाला साबित हो सकता है…इसके अलावा अगर उईके के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो पता चलता है.. कि 57 साल की संपतिया उइके बीजेपी की जमीनी नेता रही हैं… 3 बार जिला पंचायत अध्यक्ष, फिर राज्यसभा सांसद और अब विधायक बनकर मंत्री पद तक पहुंची हैं…
विपक्ष ने मंत्री उइके के इस्तीफे की मांग की
देखा जाए तो मंत्री उइके पर आरोप काफी बेहद गंभीर हैं..जिनकी वजह से ही खुद बीजेपी भी फंस गई है और बीजेपी ने ही अपनी मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.. इस पूरे मामले को लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई है. विपक्ष ने इस्तीफे की मांग की है….कांग्रेस नेता हेमंत कटारे ने कहा कि मंत्री उइके पर पर गंभीर आरोप लगे हैं. जब तक जांच चले, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जांच सीबीआई से होनी चाहिए और कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम कोर्ट भी जाएंगे और विधानसभा में मुद्दा उठाएंगे.
कांग्रेस के हाथ आया मुद्दा
मप्र में बड़े दिनों बाद कोई मुद्दा कांग्रेस के हाथ आया है और कांग्रेस इस पर कोर्ट तक जाने की बात कर रही है….शिकायत के बाद अब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जांच तो शुरू कर दी है. प्रमुख अभियंता संजय अधवान ने सात दिन में सभी लोगों को रिपोर्ट देने को कहा है. इधर पत्र में भी केंद्र सरकार ने मप्र को दिए गए 30 हजार करोड़ की जांच करने के लिए आदेश दिए है….इसके साथ ही मंत्री उइके और मंडला के एक इंजीनियर की संपत्ति की जांच के भी आदेश दिए गए हैं. …इस घोटाले की आंच ने मोहन सरकार को जरूर मुश्किल में डाल दिया है. जांच में खुलासा होगा कि ये महज शिकायत है या कोई पॉलिटिकल पब्लिसिटी….