
1 अगस्त 2025: भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ का असर बिहार के मखाना उद्योग पर भी पड़ने की संभावना देखी जा रही है।
बिहार से अमेरिका को मखाना, बासमती चावल ,हल्दी, आम, लीची ,हैंडलूम और सिल्क कपड़ा ,मिथिला पेंटिंग, हस्तकला सामग्री के अलावा कई करीब दो दर्जन से अधिक उत्पाद और वस्तुएं अमेरिका में निर्यात की जाती हैं। अभी इन उत्पादों पर शून्य से 10% तक टैरिफ लगता है । किंतु 1 अगस्त से नए टैरिफ के अनुसार अमेरिका में इनकी कीमतें बढ़ाने की संभावना है।
बिहार से अमेरिका में कितना होता है निर्यात:
फिलहाल अभी अमेरिका बिहार से करीब 1300 से 1700 करोड़ का निर्यात होता है।
पिछले दिनों बिहार से करीब 600 टन मखाने का निर्यात किया गया था ।जिसमें से करीब 1500 करोड़ का व्यापार बिहार से होता है। करीब 25% मखाने का निर्यात बिहार से होता है ।इसके बाद 14 % नेपाल और करीब यूएई 8% मखाने का निर्यात बिहार से होता है ।
अमेरिका को बिहार से सबसे ज्यादा मखाने का निर्यात किया जाता है। किंतु 25 प्रतिशत टेरिफ लगाने से अमेरिका निर्यात पर निश्चित रूप से इसका असर पड़ेगा । अभी फिलहाल में अमेरिका में मखाने पर आयात शुल्क 3.5% था किंतु 1 अगस्त से 25% बढ़ाने की संभावना है।
बिहार में मखाने की कीमत:
बिहार के थोक बाजार में मखाने की कीमत 900 से ₹1500 किलो है जबकि अमेरिका में 7000 से ₹8000 प्रति किलो मखाना बेचा जाता है इसके अलावा लीची 1200 से ₹1700 और आम ₹2000 किलो बिकता है मधुबनी पेंटिंग करीब चार लाख रुपए में बिकती है ऐसे में इन उत्पादों के निर्यात पर करीब 30% की गिरावट हो सकती है।
अन्य कृषि उत्पादों के अलावा बिहार का बासमती चावल खाड़ी देशों में सबसे ज्यादा जाता है इसके अलावा आम, लीची खाड़ी देशों के अलावा यूरोपीय देशों में ज्यादा जाता है। इन उत्पादों पर भी टेरिफ का असर पड़ना लगभग निश्चित है।
बिहार के राज्य व्यावसायिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय गुप्ता का कहना है कि टेरिफ की वजह से अमेरिकी बाजार में बिहार के सामानों की साख में गिरावट दर्ज होगी।
अभी हाल फिलहाल में मौसमी फल और सब्जियां निर्यात के लिए तैयार हैं। ऐसे में कीमतों में भारी बढ़ोतरी होने से व्यापार प्रभावित होगा।