
एनकाउंटर से पहले गैंगस्टर का टशन वाला पोस्ट हुआ वायरल।
झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। साहू छत्तीसगढ़ की जेल से अपने आपराधिक गैंग को चला रहा था और लॉरेंस बिश्नोई के साथ भी जुड़ा हुआ था। फेसबुक पर भी सक्रिय रहने वाले अमन पर वसूली, हत्या और लूट के 200 से अधिक मामले दर्ज थे।
झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का अंत पुलिस एनकाउंटर में हो गया। मंगलवार को पलामू में पुलिस ने उसे मार गिराया। साहू पर 200 से अधिक मुकदमे दर्ज थे और वह छत्तीसगढ़ की जेल से अपना नेटवर्क चला रहा था। वह कोयला कारोबारियों से वसूली करता था और विरोध करने पर हत्या करवा देता था। वह लॉरेंस बिश्नोई से भी जुड़ा था और उसे गुर्गे मुहैया कराता था। सोशल मीडिया पर भी सक्रिय साहू राजनीति में आने की फिराक में था।
कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को को झारखंड का लॉरेंस बिश्नोई भी कहा जाता था। छत्तीसगढ़ की जेल से अपना आपराधिक साम्राज्य चला रहा था। उस पर 200 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें वसूली, हत्या और लूट शामिल हैं। अमन साहू मुख्य रूप से कोयला कारोबारियों को निशाना बनाता था और उनसे पैसे वसूलता था। मना करने पर उनकी हत्या करवा देता था। वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी जुड़ा हुआ था और उसे गुर्गे और शूटर मुहैया कराता था।
अमन साहू का आपराधिक साम्राज्य झारखंड और छत्तीसगढ़ तक फैला हुआ था। उसके सैकड़ों गुर्गे और शूटर थे। वो कोयला कारोबार से जुड़े लोगों से वसूली करता था। अगर कोई उसकी बात नहीं मानता था तो वो उसे मरवा देता था। हाल ही में एक कोयला ट्रांसपोर्टर पर उसने फायरिंग करवाई थी। इसी मामले में रांची पुलिस उसे पूछताछ के लिए रायपुर जेल से ला रही थी, जहां यह एनकाउंटर हुआ।
रायपुर जेल में रहते हुए भी साहू अपना नेटवर्क चला रहा था और कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहा था। वह लॉरेंस बिश्नोई के करीबी संपर्क में था और उसे गुर्गे और शूटर मुहैया कराता था। बदले में बिश्नोई उसे आधुनिक हथियार देता था। ANI द्वारा बिश्नोई से पूछताछ के दौरान भी साहू का नाम सामने आया था। साहू बिश्नोई गैंग के शूटर्स को सीमा पार कराने में भी मदद करता था।
अमन साहू सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहता था। उसका अकाउंट विदेश में बैठा कोई व्यक्ति चलाता था। एनकाउंटर से 15 घंटे पहले भी उसकी एक तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की गई थी। अमन साहू राजनीति में भी आना चाहता था और बड़कागांव से विधानसभा चुनाव लड़ने की उसकी योजना थी। अक्टूबर 2024 में रायपुर पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में जांच के लिए अमन साहू को ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया था। ये मामले डकैती की योजना और एक कोयला कारोबारी के दफ्तर में हवाई फायरिंग से जुड़े थे।
अमन साहू रांची के एक छोटे से गांव मतबे का रहने वाला था। झारखंड में उसके खिलाफ 200 से ज्यादा मामले दर्ज थे। वो एक हार्डकोर नक्सली भी रहा था। बताया जाता है कि 2013 में उसने अपना गैंग बनाया था। लगभग ढाई साल पहले कोरबा में उसके गैंग के सदस्यों ने बरबरीक ग्रुप पर फायरिंग की थी। शहर के शंकर नगर इलाके में कंपनी के पार्टनर के घर के बाहर गोली चलाकर धमकी दी गई थी। आरोप है कि साहू ने अपने कुछ शूटर रायपुर भेजे थे। उसकी हिट लिस्ट में शहर के कई कारोबारियों के नाम होने का दावा भी किया जाता है।