केतकी सिंह के बयान ने खड़ा किया सियासी तूफ़ान।

मेडिकल कॉलेज में हिंदू-मुस्लिमों के लिए अलग बिल्डिंग बनाने की कही बात

बीजेपी विधायक केतकी सिंह के बलिया में मेडिकल कॉलेज में मुसलमानों के लिए अलग वार्ड की मांग ने यूपी की सियासत में हलचल मचा दी। विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला, वहीं एनडीए सहयोगी सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर ने बयान से किनारा कर लिया।

उत्तर प्रदेश के बलिया की बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक केतकी सिंह के सोमवार को दिए गए विवादित बयान ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। बलिया में बनने वाले प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज में मुसलमानों के लिए अलग वार्ड बनाने की उनकी मांग ने विपक्षी दलों को सरकार पर हमला बोलने का मौका दे दिया है। वहीं, एनडीए के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भी इस बयान से खुद को अलग कर लिया है।
सोमवार को बलिया में मीडिया से बातचीत के दौरान केतकी सिंह ने बोला था कि मेडिकल कॉलेज में मुसलमानों के लिए अलग विंग या बिल्डिंग बनाई जानी चाहिए, ताकि हिंदू समुदाय सुरक्षित महसूस कर सके। उन्होंने तर्क दिया कि मुसलमानों को हिंदू त्योहारों जैसे होली, रामनवमी और दुर्गा पूजा से परेशानी होती है।
इसलिए इलाज के दौरान भी उनके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी ने इसे बीजेपी की “PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) विरोधी सोच” करार देते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। सपा प्रवक्ता फखरूल हसन ने कहा,”यह बयान बीजेपी की असली मानसिकता को दर्शाता है।”

मंगलवार को गाजीपुर पहुंचे ओमप्रकाश राजभर ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। वह एक पुराने न्यायालय में विचाराधीन मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए वहां आए थ, उन्हें राहत मिली। कोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में उनसे केतकी सिंह के बयान पर मीडिया की ओर से सवाल पूछा गया।
राजभर ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा, “अस्पताल में कोई घायल पहुंचता है तो उसकी जाति-धर्म नहीं पूछा जाता,इसके साथ ही उसका इलाज किया जाता है। जब कोई दुर्घटना होती है तो लोग सिर्फ ब्लड खोजते है। कोई ये नहीं देखता कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख या ईसाई का ब्लड है। अगर इस तरह की बात होगी तो क्या अलग ट्रेन, बस और हवाई जहाज भी चलाने चाहिए?”

उन्होंने आगे कहा, “इस देश में 140 करोड़ लोग रहते हैं। सभी धर्मों को मानने वालों को आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ रहना चाहिए।” राजभर ने अपने ही अंदाज में केतकी सिंह के विचारों से असहमति जताई।बीजेपी विधायक केतकी सिंह के बलिया में मेडिकल कॉलेज में मुसलमानों के लिए अलग वार्ड की मांग ने यूपी की सियासत में हलचल मचा दी। विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला, वहीं एनडीए सहयोगी सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर ने बयान से किनारा कर लिया।

उत्तर प्रदेश के बलिया की बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक केतकी सिंह के सोमवार को दिए गए विवादित बयान ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। बलिया में बनने वाले प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज में मुसलमानों के लिए अलग वार्ड बनाने की उनकी मांग ने विपक्षी दलों को सरकार पर हमला बोलने का मौका दे दिया है। वहीं, एनडीए के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भी इस बयान से खुद को अलग कर लिया है।
सोमवार को बलिया में मीडिया से बातचीत के दौरान केतकी सिंह ने बोला था कि मेडिकल कॉलेज में मुसलमानों के लिए अलग विंग या बिल्डिंग बनाई जानी चाहिए, ताकि हिंदू समुदाय सुरक्षित महसूस कर सके। उन्होंने तर्क दिया कि मुसलमानों को हिंदू त्योहारों जैसे होली, रामनवमी और दुर्गा पूजा से परेशानी होती है।
इसलिए इलाज के दौरान भी उनके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी ने इसे बीजेपी की “PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) विरोधी सोच” करार देते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। सपा प्रवक्ता फखरूल हसन ने कहा,”यह बयान बीजेपी की असली मानसिकता को दर्शाता है।”

मंगलवार को गाजीपुर पहुंचे ओमप्रकाश राजभर ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। वह एक पुराने न्यायालय में विचाराधीन मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए वहां आए थ, उन्हें राहत मिली। कोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में उनसे केतकी सिंह के बयान पर मीडिया की ओर से सवाल पूछा गया।
राजभर ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा, “अस्पताल में कोई घायल पहुंचता है तो उसकी जाति-धर्म नहीं पूछा जाता,इसके साथ ही उसका इलाज किया जाता है। जब कोई दुर्घटना होती है तो लोग सिर्फ ब्लड खोजते है। कोई ये नहीं देखता कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख या ईसाई का ब्लड है। अगर इस तरह की बात होगी तो क्या अलग ट्रेन, बस और हवाई जहाज भी चलाने चाहिए?”

उन्होंने आगे कहा, “इस देश में 140 करोड़ लोग रहते हैं। सभी धर्मों को मानने वालों को आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ रहना चाहिए।” राजभर ने अपने ही अंदाज में केतकी सिंह के विचारों से असहमति जताई।

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