
‘कांटे को जड़ से उखाड़ेंगे!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की धरती से एक बार फिर पाकिस्तान को सख्त और साफ संदेश दे दिया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच, पीएम मोदी ने दो टूक कहा, “हम कांटे को निकालकर ही रहेंगे।” यह बयान न केवल भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत स्थिति को भी रेखांकित करता है। गुजरात के एक कार्यक्रम में दिए गए इस बयान ने सियासी और सामाजिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आइए, इस बयान के मायने, इसके पीछे की पृष्ठभूमि और इसके संभावित प्रभावों को गहराई से समझते हैं।
गुजरात से गूंजा सख्त संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ अपनी सरकार के दृढ़ रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “भारत अब चुप नहीं बैठेगा। जो कांटे हमें चुभ रहे हैं, उन्हें हम जड़ से उखाड़ फेंकेंगे।” यह बयान हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में था, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया है। पीएम का यह बयान न केवल पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भारत की जनता को भी आश्वस्त करता है कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ हरसंभव कदम उठाएगी।
पहलगाम हमला: गुस्से की पृष्ठभूमि
पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, और इसके बाद सात दिनों तक जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। लोग सड़कों पर उतर आए, आतंकवाद की निंदा की और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। भारत ने पहले ही पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी वीजा रद्द करने, मेडिकल वीजा पर रोक लगाने और सिंधु जल समझौते को निलंबित करने जैसे कदम उठाए हैं। पीएम मोदी का यह बयान इन कदमों को और मजबूती देता है, जो यह संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ और आक्रामक रुख अपनाएगा।
‘कांटे’ का क्या मतलब?
पीएम मोदी के ‘कांटे को निकालने’ वाले बयान को कई तरह से समझा जा रहा है। सियासी विश्लेषकों का मानना है कि यह ‘कांटा’ पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का प्रतीक है, जो लंबे समय से भारत की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। कुछ लोग इसे पाकिस्तान की उस नीति से जोड़कर देख रहे हैं, जो आतंकवाद को बढ़ावा देती है। पीएम का यह बयान न केवल कूटनीतिक, बल्कि सैन्य और रणनीतिक कार्रवाइयों की ओर भी इशारा करता है। यह संदेश साफ है कि भारत अब न तो चुप बैठेगा और न ही कोई ढील देगा।
सोशल मीडिया पर तारीफ और चर्चा
पीएम मोदी के इस बयान ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। उनके समर्थकों ने इसे एक साहसिक और जरूरी कदम बताया। एक यूजर ने लिखा, “मोदी जी ने सही कहा, अब कांटे को जड़ से उखाड़ने का समय है। भारत की ताकत पूरी दुनिया देखेगी।” वहीं, कुछ लोगों ने इसे सियासी बयानबाजी करार देते हुए कहा कि इसे जमीन पर लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा। एक अन्य यूजर ने लिखा, “बयान तो ठीक है, लेकिन अब ठोस कार्रवाई चाहिए।” यह बहस दर्शाती है कि पीएम का यह बयान कितना प्रभावशाली और चर्चा का विषय बन गया है।
पाकिस्तान पर बढ़ता दबाव
भारत के हालिया जैसे वीजा प्रतिबंध और सिंधु जल समझौते का निलंबन, ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। पीएम मोदी का यह बयान इस दबाव को और मजबूत करता है। भारत ने वैश्विक मंच पर भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की है, जैसा कि हाल ही में गुलाम नबी आजाद के कुवैत में दिए बयान से भी जाहिर होता है। पीएम का यह बयान न केवल पाकिस्तान को चेतावनी देता है, बल्कि भारत की उस नीति को भी रेखांकित करता है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस है।
वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति
पीएम मोदी का यह बयान वैश्विक मंच पर भी भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। यह न केवल पाकिस्तान को, बल्कि उन सभी देशों को संदेश देता है जो आतंकवाद को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से