बिहार विधानसभा चुनाव 2025. एनडीए में सीट बंटवारे पर दिल्ली में होगी निर्णायक चर्चा

पटना में एक बैठक. जेडीयू और बीजेपी के बीच सीटों का समीकरण तय करने की तैयारी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है. सूत्रों के अनुसार, एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे का अंतिम फैसला दिल्ली में होने की संभावना है. हालांकि, इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए पटना में एक महत्वपूर्ण बैठक भी प्रस्तावित है. यह बैठक बिहार में एनडीए के प्रमुख सहयोगी दलों, विशेष रूप से जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच समन्वय स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगी. बिहार के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि जेडीयू इस बार बीजेपी से अधिक सीटों पर दावा ठोक सकती है.

पटना में होने वाली बैठक में एनडीए के सभी घटक दलों के वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे. इस बैठक का उद्देश्य सीट बंटवारे की रूपरेखा तैयार करना और सभी सहयोगी दलों की अपेक्षाओं को संतुलित करना है. सूत्रों का कहना है कि जेडीयू 102-103 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, जबकि बीजेपी को 101-102 सीटें मिल सकती हैं. शेष सीटें गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों जैसे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), राष्ट्रीय लोक मोर्चा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बीच बांटी जाएंगी. यह समीकरण लोकसभा चुनाव के सीट बंटवारे के पैटर्न पर आधारित हो सकता है, जिसमें सभी दलों ने मिलकर शानदार प्रदर्शन किया था.

पटना की बैठक के बाद सीट बंटवारे का अंतिम निर्णय दिल्ली में एनडीए के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में मार्च 2025 में पटना में हुई एक बैठक में इस दिशा में प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है. अब दिल्ली में होने वाली बैठक में सभी पक्षों के बीच सहमति बनाकर अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिए हैं कि गठबंधन का लक्ष्य 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में 225 से अधिक सीटें जीतना है.

एनडीए के छोटे सहयोगी दलों की भूमिका भी इस बार अहम होगी. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने हाल ही में कहा कि अगस्त 2025 तक सीट बंटवारे का काम पूरा कर लिया जाएगा. उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और अन्य छोटे दल मिलकर करीब 40 सीटों पर दावेदारी पेश कर सकते हैं. इस बीच, बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों के बंटवारे में संतुलन बनाए रखना केंद्रीय नेतृत्व के लिए चुनौती होगा, क्योंकि दोनों दल अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं.

बिहार में एनडीए की एकजुटता और रणनीति को मजबूत करने के लिए यह सीट बंटवारा महत्वपूर्ण है. गठबंधन के नेता यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी दल मिलकर एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरें. बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया गया फैसला सभी दलों को स्वीकार्य होगा. बिहार में एनडीए की यह रणनीति न केवल सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि विपक्षी गठबंधन को कड़ी चुनौती देने के लिए भी है.

  • Related Posts

    ये होंगे भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष ! इस दिन लगेगी मुहर

    10 राज्यों में भी बदला जाएगा भाजपा का संगठन, बदलाव की तैयारी तेज भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है. सूत्रों के…

    चिराग पासवान की सियासी राह में चुनौतियां

    जेडीयू के समर्थन पर टिका है एलजेपी का भविष्य लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान की सियासी महत्वाकांक्षाएं एक बार फिर चर्चा में हैं. बिहार की राजनीति में…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!