
विक्रमोत्सव का पहला चरण 30 मार्च 2025 को वर्ष प्रतिपदा के दिन संपन्न होगा
उज्जैन l 30 मार्च 2025 तक के लिए उज्जैन के लोगों के लिए आर्ष भारत प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है। जोकि प्रतिदिन सुबह 11:00 से सायं 8:00 बजे तक अवलोकनार्थ भी खुली रहेगी।
उज्जैन में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमोत्सव 2025 के अंतर्गत भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केंद्रित आर्ष भारत प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनी 30 मार्च 2025 तक बिड़ला भवन, शोधपीठ कार्यालय परिसर में प्रतिदिन सुबह 11:00 से सायं 8:00 बजे तक खुली रहेगी। उद्घाटन पद्मश्री डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित और वरिष्ठ पुरातत्वविद डॉ. आर.सी. ठाकुर ने भी किया। बता दें कि कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय और पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय कुमार सीजी, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी, वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी गणेश बागदरे, डॉ. रमण सोलंकी, वरिष्ठ कवि दिनेश दिग्गेज सहित कई गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
प्रदर्शनी में यह रहेगा खास
100 से अधिक ऋषियों, मनीषियों, महापुरूषों के चित्रों को देशभर के चित्रकारों ने तैयार भी किया है। यह प्रदर्शनी भारतीय ऋषियों द्वारा भी दिये गये वैज्ञानिक योगदान को भी बताती है और यह स्पष्ट भी करती है कि भारतीय वैज्ञानिक परंपरा कितनी समृद्ध दिखाई दी थी।
लोक कला मांडना पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
बता दें कि महाराजा विक्रमादित्यर शोधपीठ परिसर मे इन दिनों लोककला मांडना की कार्यशाला का आयोजन भी किया गया है, जोकि 8 मार्च 2025 तक ही किया गया है। इस कार्यशाला में स्थानीय स्कूल और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं तथा स्थानीय कलाकार और कलाप्रेमी अपनी भागीदारी की भी दर्ज करेंगे। इस कार्यशाला को उज्जैन की वरिष्ठ लोक कलाकार कृष्णा वर्मा संयोजित भी कर रही है।