
हनुमान जी की रोचक जानकारी
हनुमान जी कलयुग के जागृत देवता हैं। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है ।इस पावन दिन त्रेता युग में हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था। हनुमान जयंती हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।वे न केवल भगवान के अनन्य भक्त थे बल्कि एक आदर्श और मार्गदर्शन भी रहे हैं। उनकी दिव्यता के बारे में कुछ अद्भुत बातें जानते हैं।
हनुमान शब्द का अर्थ क्या है —
‘ह’ का अर्थ है—–शिव ,आनंद, आकाश ,जल।
‘नु’ का अर्थ है—-पूजन और प्रशंसा
‘मा’ का अर्थ है—श्री लक्ष्मी और श्री विष्णु
‘न’ का अर्थ है —-बल और वीरता ।
हनुमान जी अखंड जितेंद्र ,अतुलित बल धाम, ज्ञानियों में अग्रणी ,अलौकिक गुणों से संपन्न होने के कारण देवताओं की श्रेणी में माने जाते हैं ।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार—– हनुमान जी के विराट स्वरूप में इंद्रदेव, सूर्य देव, यमदेव, ब्रह्मदेव ,विश्वकर्मा और ब्रह्मा की शक्ति स्थित होती है।
शिव महापुराण के अनुसार —–
पृथ्वी ,जल, वायु ,आकाश, सूर्य ,चंद्रमा ,अग्नि और यजमान यह आठ रूप शिव जी के प्रत्यक्ष रूप बताए गए हैं। हनुमान ब्रह्म स्वरुप भगवान शिव के 11 में अंश के रुद्र अवतार भी माने गए हैं ।हनुमान जी को अमृरत्व का वरदान है।
(1) हनुमान जी के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है
हनुमान जी का जीवन हमें बताता है कि संकट में मनोबल और मानसिक एकाग्रता बनाए रखना चाहिए। लक्ष्मण को बचाने के लिए हनुमान जी जिस तरह संजीवनी पर्वत उठा ले आए । इससे वे संकट में धैर्य और मानसिक संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं ।
बजरंगबली को भगवान शिव का 11वां अवतार बताया जाता है। इन्हें कलयुग का देवता भी कहते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है और फल की प्राप्ति होती है बजरंगबली की पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं ।
(2)। मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का दिन क्यों माना गया है
स्कंद पुराण के अनुसार मंगलवार के दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था ।इस वजह से यह दिन उनकी पूजा के लिए समर्पित है। हनुमान जी को मंगल ग्रह का नियंत्रक ग्रह माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार नियम पूर्वक हनुमान जी की पूजा करने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं ।
(3) हनुमान जी को संकट मोचन क्यों कहते हैं
ऐसा माना जाता है की विधिवत पूजा करने से भक्तों पर आने वाले संकटों को हनुमान जी हर लेते हैं। इसलिए इन्हें संकट मोचन हनुमान भी कहते हैं ।भक्तों द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ और सुंदरकांड करने से विशेष लाभ होता है।
(4)..हनुमान जी इतने शक्तिशाली क्यों है ।
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माता सीता ने हनुमान जी की भगवान श्री राम के प्रति अनन्य भक्त को देखकर उन्हें अमरत्व का वरदान दिया था ।ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को इच्छा अनुसार शरीर का आकार और गति बदलने का वरदान दिया था ।इस प्रकार सभी देवताओं से मिले वरदान आशीर्वाद और शक्तियों के कारण हनुमान जी अपार शक्तियों के स्वामी बने ।
(5)। हनुमान जी के हाथ में गदा क्यों है।
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इसी गदा से उन्होंने असुरों का वध किया था ।हनुमान जी को यह गदा कुबेर देव से मिली थी और साथ ही यह आशीर्वाद भी मिला कि वह किसी भी युद्ध में परास्त नहीं हो सकते शिवजी से हनुमान जी को यह आशीर्वाद मिला कि हनुमान जी को किसी भी अस्त्र से मारा नहीं जा सकता।
(6) हनुमान जी को क्या पसंद है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी को सेब का फल अवश्य चढ़ाना चाहिए। या लाल रंग का फल हनुमान जी को बहुत पसंद है। इसके अलावा इमरती ,जलेबी, खीर ,पंचमेवा, बूंदी, गुड़, चना, बेसन के लड्डू ,पान बहुत पसंद है ।
फूल में गुलाब गुड़हल लाल गुड़हल और गेंदे के स्कूल हनुमान जी को विशेष प्रिय है।
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए यह उपाय किए जा सकते हैं
हनुमान जयंती के दिन विधि विधान से हनुमान जी की पूजा करने से मन वांछित फल प्राप्त होता है ।
(7) कैसे करें हनुमान जी को प्रसन्न
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हनुमान जी राम के सबसे बड़े भक्त हैं भगवान राम की स्तुति कर हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं
हनुमान जी का अभिषेक दूध ,दही, घी ,शहद, पंचामृत से किया जाता है ।हनुमान जी प्रभु राम के नाम से प्रसन्न होते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ , बजरंग बाण का भी पाठ कर सकते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है ।