
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर केस मामले की जुड़ी एक याचिका को निरस्त भी कर दिया है। दरअसल यह याचिका पीड़िता के परिजनों ने लगाई थी, जिसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की जांच सीबीआई द्वारा फिर से कराए जाने की मांग भी की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि याचिकाकर्ता कलकत्ता हाईकोर्ट में अपनी याचिका भी लगा सकते हैं। पीड़िता के परिजनों की तरफ से वरिष्ठ वकील करुणा नंदी अदालत में पेश भी हुईं। वहीं सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी पेश हुए।
कैग की नियुक्ति की मौजूदा प्रक्रिया को चुनौती, केंद्र से भी जवाब तलब
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस जनहित याचिका पर केंद्र से भी जवाब मांगा, जिसमें भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की नियुक्ति केवल कार्यपालिका और प्रधानमंत्री की ओर से करने के मौजूदा चलन को संविधान का उल्लंघन घोषित किए जाने का अनुरोध भी किया गया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ द्वारा दायर जनहित याचिका पर नोटिस भी जारी किया और उसे इसी मुद्दे पर लंबित मामले के साथ संलग्न भी कर दिया।
एनजीओ की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि सवाल संस्था की स्वतंत्रता का भी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में भी है, में कैग की लेखा परीक्षा को भी बाधित किया जा रहा है। जनहित याचिका में न्यायालय से यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि राष्ट्रपति कैग की नियुक्ति प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के प्रधान न्यायाधीश वाली एक स्वतंत्र और तटस्थ चयन समिति के परामर्श से तथा पारदर्शी तरीके से भी करें। इसमें कहा गया है कि कैग की नियुक्ति का निर्देश सूचना आयोगों और केंद्रीय सतर्कता आयोग सहित अन्य निकायों की नियुक्ति के समान भी होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस भी जारी किया
नीतीश कटारा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, गृह विभाग को अवमानना नोटिस भी भेजा है। यह नोटिस सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की क्षमा याचिका पर फैसला न करने के लिए जारी भी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस में मुख्य सचिव से जवाब भी मांगा है कि उन्हें 28 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश होने का निर्देश भी दिया। सुखदेव यादव ने 20 साल जेल की सजा काटने के बाद क्षमा याचिका दायर भी की थी। सुखदेव यादव को नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव के साथ दोषी भी ठहराया गया था। सुखदेव यादव को 20 साल जेल की सजा भी मिली थी, जो बीती 10 मार्च को पूरी भी हो गई।