एक परिवार के दो सदस्यों ने अपनी जान

घटना से पुरे इलाके में फैली सनसनी

जबलपुर के घमापुर थाना अंतर्गत सिद्ध बाबा क्षेत्र में मां और बेटे ने फांसी लगाकर अपनी जान ले ली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। उनके पास से कोई पत्र नहीं मिला। अजय मानसिक रूप से कमजोर था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

एमपी के जबलपुर के घमापुर इलाके में एक दुखद घटना सामने आई है।जिसमे सिद्ध बाबा क्षेत्र में एक घर में मां और बेटे ने फांसी लगाकर अपने प्राण त्याग दिए। मां ने कमरे में और बेटे ने किचन में अपनी जान दे दी। पुलिस को घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच कर रही है। यह घटना घमापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई।
घमापुर थाने के प्रभारी सतीष कुमार अंधवान ने इस बारे में जानकारी दी। उनके अनुसार, सिद्ध बाबा घमापुर क्षेत्र में माया रैकवार (60 वर्ष) अपने छोटे बेटे अजय (36 वर्ष) के साथ रहती थीं। उनका बड़ा बेटा विनोद अपने परिवार के साथ अधारताल में किराए के मकान में रहता है। उनकी दो बेटियां भी आसपास ही विवाहित हैं। छोटा बेटा अजय मजदूरी करता था और मां को वृद्धा पेंशन मिलती थी। बड़ा बेटा भी मां की आर्थिक मदद करता था, जिससे परिवार का खर्च चलता था। अजय मानसिक रूप से कमजोर था।
मंगलवार की सुबह विनोद ने छोटे भाई अजय को मोबाइल पर फोन किया, वही उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद विनोद काम पर चला गया। अजय और उसकी मां सुबह से दिखाई नहीं दिए और घर का दरवाजा भी बंद था। पड़ोस में रहने वाले चाचा ने विनोद को इस बारे में बताया। जिसके बाद बड़ा बेटा घर पहुंचा और दरवाजा खोलने के लिए आवाज लगाई। जब दरवाजा नहीं खुला, तो बड़े बेटे ने उसे तोड़ दिया।

दरवाजा तोड़कर जब वह कमरे में पहुंचा, तो उसने देखा कि मां का शव फांसी के फंदे पर झूल रहा है। वही इसके बाद उसने अपने छोटे भाई की तलाश की, तो किचन का दरवाजा बंद मिला। किचन का दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर छोटे भाई का शव फांसी के फंदे में लटक रहा था।
इस घटना के बारे में बड़े बेटे ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस को घटनास्थल से कोई पत्र नहीं मिला है। पुलिस ने अजय के फोन को जब्त कर लिया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। डॉक्टरों ने मौत का कारण फांसी लगाना बताया है। घर का कोई सामान अस्त-व्यस्त नहीं था। मां-बेटे द्वारा आत्महत्या किए जाने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।

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