एयरफोर्स इंजीनियर की दर्दनाक हत्या

करोड़ों का टेंडर बना मौत की वजह

वायुसेना के चीफ इंजीनियर सत्‍येंद्र नारायण मिश्रा की हत्‍या करने वाला शख्‍स पेड़ में रस्‍सी बांधकर कैंपस में दाखिल हुआ है। गोली मारने के बाद वह उसी तरीके से बाहर भाग निकला है। इस दौरान किसी सुरक्षाकर्मी की नजर उस पर नहीं गई। इससे एयरफोर्स कॉलोनी की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।

प्रयागराज की अति सुरक्षित एयरफोर्स कॉलोनी में जिस तरीके से चीफ इंजीनियर सत्‍येंद्र नारायण मिश्रा की हत्‍या हुई है, वही उससे कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। पुलिस का मानना है कि उन्‍होंने कई अहम सबूत जुटा लिए हैं। 24 घंटे के अंदर हत्‍याकांड का खुलासा कर दिया जाएगा। हत्यारा एयरफोर्स स्टेशन के परिसर में लगभग 50 मिनट तक पिस्टल लेकर घूमता रहा। किसी भी संतरी या सुरक्षाकर्मी को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसके साथ ही पुलिस ठेकेदारों से विवाद और कर्मचारियों पर कार्रवाई जैसे एंगल पर भी जांच कर रही है।

पुलिस की जांच करोड़ों के टेंडर की तरफ भी रुख कर चुकी है। ये टेंडर हाल ही में हुए थे। टेंडर में आवेदन करने वाले फर्म मालिकों का पता लगाया जा रहा है कि टेंडर में किसी तरह का विवाद तो हत्‍या की वजह नहीं बना है। इसके अलावा उन कर्मचारियों को पुलिस संदेह की नजर से देख रही है जिन पर सीडब्‍ल्‍यूडी ने कार्रवाई की थी।

पुलिस ठेकेदारों से विवाद और कर्मचारियों पर कार्रवाई के मामले की भी जांच कर रही है। पुलिस को पता चला है कि सत्येंद्र नारायण ने गोरखपुर के एक कर्मचारी को डीजल चोरी के आरोप में निलंबित किया गया था। उन्होंने पटना के एयरफोर्स में तैनात दो कर्मचारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की थी। एक कर्मचारी के खिलाफ सत्येंद्र ने चार्जशीट भी दी थी.

पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्यारा परिसर में कैसे घुसा और बिना किसी को पता चले करीब 50 मिनट तक कैसे घूमता रहा था। सेंट्रल एयर कमांड की दीवारों पर चेतावनी भी लिखी है. ‘घुसपैठियों को गोली मार दी जाएगी’। दीवारों पर कंटीले तार भी लगे हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने का दावा किया जाता है। इसके बावजूद हत्यारा परिसर में घुसने और हत्या करने में सफल रहा।

जांच में पता चला है कि हत्यारा रात लगभग 2:40 बजे इंजीनियरिंग कॉलोनी के पास पहुंचा। वह एक पेड़ पर चढ़ा और रस्सी की मदद से आवास में दाखिल हुआ है। उसने सत्येंद्र नारायण मिश्रा को गोली मार दी. फिर वह उसी रस्सी के सहारे पेड़ पर चढ़ा और भाग निकला। वह लगभग 3:30 बजे मुख्य द्वार से बाहर निकला। सबसे हैरानी की बात यह है कि मुख्य द्वार से कुछ ही दूरी पर इंजीनियरिंग कॉलोनी है। मुख्य द्वार पर मौजूद संतरी को कॉलोनी के बाहर खड़े किसी भी व्यक्ति पर नजर रखनी चाहिए थी. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। हत्यारा आसानी से हाई सिक्योरिटी जोन में पहुंचा और हत्या करके सुरक्षित निकल गया। उसे किसी ने नहीं रोका और न ही उसकी जांच की गयी। पेट्रोलिंग करने वाले सुरक्षाकर्मी भी कहीं नहीं दिखे।

आपको बता दें कि सेंट्रल एयर कमांड में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहती है। परिसर के प्रवेश और निकास द्वार पर सशस्त्र जवान तैनात रहते हैं। कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के जरिए निगरानी रखी जाती है। सभी कर्मियों के पास ड्यूटी पास होता है। आईडी से मिलान करने के बाद ही उन्हें प्रवेश मिलता है। बाहरी व्यक्ति को मिलने के लिए अधिकारी की अनुमति जरूरी होती है। बाहरी व्यक्ति की जानकारी भी दर्ज की जाती है।

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