
ई दिल्ली! केंद्रीय गृह मंत्री ने शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी की है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार, सेना, अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल भी हुए। एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन भी लगाया गया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए गृह मंत्रालय में बैठक की अध्यक्षता भी की। बैठक में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला और अन्य लोग भी शामिल हुए। पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह पहली ऐसी बैठक हुई है। मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा भी जारी है और अब तक वहां 250 लोगों की जान भी जा चुकी है।
अधिकारियों के मुताबिक, गृह मंत्री ने शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी की। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार, सेना, अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी बैठक में भी शामिल हुए। एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन भी लगाया गया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है और इसे अभी निलंबित अवस्था में भी रखा गया है।
सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक राज्यपाल द्वारा 20 फरवरी को दिए गए उस ‘अल्टीमेटम’ के बाद आयोजित भी की जा रही है! जिसमें अवैध और लूटे गए हथियार रखने वाले सभी लोगों को हथियार भी सौंपने के लिए कहा गया है। सात दिनों की अवधि में मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियार जनता द्वारा सौंपे भी गए हैं। इनमें मेइती चरमपंथी समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा सौंपे गए 246 आग्नेयास्त्र भी शामिल हैं। पूर्व केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने लोगों द्वारा अतिरिक्त समय देने की मांग के मद्देनजर भी लूटे गए और अवैध हथियारों को जमा कराने की समय सीमा शुक्रवार को छह मार्च शाम चार बजे तक बढ़ा दी गई है।
भाजपा सरकार की अक्षमता के कारण राष्ट्रपति शासन भी लगाया: कांग्रेस
कांग्रेस ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की आलोचना भी करते हुए आरोप लगाया है कि यह कदम मुख्य रूप से राज्य की भाजपा सरकार की अक्षमता के कारण भी उठाया गया है। कांग्रेस की मणिपुर इकाई के उपाध्यक्ष हरेश्वर गोस्वामी ने संवाददाताओं से कहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है, जबकि विधानसभा में भाजपा को पूर्ण बहुमत भी प्राप्त है। उन्होंने आरोप लगाया है, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण भी है, क्योंकि केंद्र में भाजपा सत्ता में है और राज्य सरकार भी इसी पार्टी द्वारा चलाई भी जा रही थी। यह मुख्य रूप से राज्य में भाजपा सरकार की अक्षमता के कारण भी हुआ है।
दो जिलों में उग्रवादी समेत पांच लोग भी गिरफ्तार:
सुरक्षा बलों ने मणिपुर के कांगपोकपी और कामजोंग जिलों से एक उग्रवादी समेत पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि कांगपोकपी के बिंपाराव से गिरफ्तार भी किए गए चार लोग प्रतिबंधित ‘कुकी नेशनल फ्रंट (पी)’ के एक काडर के तहत कथित तौर पर काम भी कर रहे थे। सुरक्षा बलों ने भारत-म्यांमा सीमा पर कामजोंग के कुल्तुह गांव में शुक्रवार को प्रतिबंधित ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ के एक सक्रिय काडर को गिरफ्तार भी किया। उसके पास से एक पिस्तौल और एक ग्रेनेड बरामद भी किया गया है।