
इसी पर टिकी हैं सबकी निगाहें….वक्फ संशोधन बिल को लेकर इस समय सड़क से लेकर संसद तक बवाल मचा हुआ है.. दिल्ली से महाराष्ट्र तक संग्राम चल रहा है…सरकार ये बिल संसद में लाती है तो इसे पारित कराना चुनौतीपूर्ण होगा. ये बिल पहले ही जेपीसी से होकर आ रहा है. 2204738-2025-04-01 वक्फ के पक्ष में नमाजी कभी काली पट्टी पहन कर जाते हैं…तो कभी सड़कों पर विरोध जताते हैं…सियासी नेता और मुसलमानों के रहनुमा बने कुछ मौलवी वक्फ के मुद्दे पर अपनी राजनीति चमकाते की कोशिश में हैं…वक्फ संशोधन बिल को 2 अप्रैल को संसद में पेश किया जा सकता है.. सरकार पहले लोकसभा में बिल पेश करेगी और सत्र 4 अप्रैल तक चलेगा..जिसे लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम संसद में वक्फ संशोधन बिल पेश करने की तैयारी कर रहे हैं.. बिल पर संसद के बाहर खूब विचार-विमर्श हुआ हैं.. लेकिन हमें सदन में बहस और चर्चा में भी जरूर भाग लेना चाहिए…इस बिल के खिलाफ लोगो का अलग-अलग ढ़ंग से प्रदर्शन देखने को मिल रहा है..आपको बता दें कि ईद के दिन देश में कई जगह नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम समाज के लोग वक्फ बिल के विरोध में काली पट्टियां बांधकर पहुंचे.. रमजान का आखिरी जुमा के दिन 28 मार्च को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देशभर के मुसलमानों से काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने जाने को कहा था….मुस्लिम लॉ बोर्ड ने तो ये तक की कह दिया कि वक्फ संशोधन बिल का पुरजोर विरोध करना देश के हर मुसलमान की जिम्मेदारी है…अब इन बयानों से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह से देश के एक समुदाय को भड़काने की कोशिश की जा रही है…और हैरानी कि बात ये है कि लोगो ने मुस्लिम लॉ बोर्ड की बात भी मानी जब की 29 मार्च को एक इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने ये बात साफ-साफ बता दी थी कि इस बिल से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है…लेकिन अब सवाल ये उठता है कि जब सदन के बाहर इतना हंगामा है तो कल यानी 2 अप्रैल को सदन में क्या होगा..क्या मोदी सरकार इस बिल को लोकसभा से पास करवा सकेगी या फिर ये बिल लोकसभा में ही धराशाही हो जाएगा.. संसद में क्या हो सकता है ये पूरा खेल सीटों पर निर्भर करता है दरअसल, इस समय लोकसभा में भाजपा के सांसदों की संख्या 240 है अगर हम एनडीए के सांसदों को भी जोड़ लें तो ये संख्या 294 होती है..वंही अगर बिल पास कराना है 272 वोटों की जरूरत पड़ेगी वंही अगर दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन की बात करें तो पता चलता है कि कांग्रेस और गठबंधन के सांसदों को मिलाकर कुल 233 सांसद इंडिया गठबंधन के पास हैं..लेकिन इसी बीच पेंच एनडीए गठबंधन की तरफ से फंस सकता है क्योंकि एनडीए गठबंधन में कई पार्टीयां ऐसी हैं जो तुष्टीकरण की राजनीति से 2024 में मुक्त होकर भाजपा वाले एनडीए गठबंधन में आईं थी…ऐसे में अब अगर भाजपा इन पार्टीयों को साधने में एक परसेंट भी नाकाम हो गई तो बीजेपी के लिए खेल पेंचीदा हो सकता है….. सत्तापक्ष का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल के माध्यम से इसकी संपत्तियों से संबंधित विवादों के निपटारे का अधिकार मिलेगा. वक्फ की संपत्ति का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा और इससे मुस्लिम समाज की महिलाओं को भी मदद मिल सकेगी. बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली जेपीसी ने एनडीए के घटक दलों की ओर से प्रस्तुत किए गए …14 संशोधनों के साथ अपनी रिपोर्ट संसद में पेश कर दी थी. जेपीसी ने विपक्ष की ओर से प्रस्तावित किए गए 44 संशोधनों को खारिज कर दिया था. तो अब देखना होगा विल पास कराने के लिए बीजेपी अपने सहयोगियों को कैसे मना पाती है….