
आजकल हम स्पेस स्टेशन और एस्ट्रोनॉट्स के बारे में काफी सुनते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एस्ट्रोनॉट्स स्पेस स्टेशन से बाहर भी निकलते हैं? जब हम अंतरिक्ष यात्रा की बात करते हैं, तो यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है कि क्या एस्ट्रोनॉट्स वास्तव में स्पेस स्टेशन से बाहर निकलकर अंतरिक्ष में काम करते हैं। इस लेख में हम इस सवाल का उत्तर देंगे और बताएंगे कि कैसे और क्यों एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन से बाहर निकलने की जरूरत पड़ती है, और यह उनकी सुरक्षा और कार्यों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।
स्पेसवॉक या EVA (Extravascular Activity) क्या है?
जब एस्ट्रोनॉट्स स्पेस स्टेशन से बाहर निकलते हैं तो इसे “स्पेसवॉक” या “EVA” (Extravascular Activity) कहा जाता है। यह एक ऐसा कार्य है जिसमें एस्ट्रोनॉट्स अपनी विशेष स्पेस सूट पहनकर अंतरिक्ष में बाहर जाते हैं। EVA को आमतौर पर तब किया जाता है जब स्पेस स्टेशन के बाहरी हिस्से में कोई मरम्मत, उपकरण की इंस्टॉलेशन, या अन्य कार्य करने होते हैं जो अंदर से नहीं किए जा सकते। यह एस्ट्रोनॉट्स के लिए एक चुनौतीपूर्ण और रोमांचक अनुभव होता है, क्योंकि उन्हें शून्य गुरुत्वाकर्षण, बेहद कम तापमान और अंतरिक्ष के कठोर वातावरण का सामना करना पड़ता है।
स्पेसवॉक के दौरान एस्ट्रोनॉट्स के कार्य
- मरम्मत और रख-रखाव:
स्पेस स्टेशन के बाहरी हिस्से में कई उपकरण और सौर पैनल होते हैं। इनका नियमित रख-रखाव और मरम्मत करना आवश्यक होता है ताकि स्टेशन सुचारू रूप से काम कर सके। एस्ट्रोनॉट्स इन उपकरणों की जांच करते हैं और जरूरत पड़ने पर मरम्मत करते हैं, जो बिना EVA के संभव नहीं है। - नए उपकरणों की इंस्टॉलेशन:
अंतरिक्ष स्टेशन के लिए नए उपकरणों को स्थापित करना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। कभी-कभी, बाहरी उपकरण जैसे नए सौर पैनल, एंटीना या अनुसंधान उपकरण लगाए जाते हैं, जो केवल स्पेसवॉक के दौरान ही संभव हो पाते हैं। - अनुसंधान:
स्पेस स्टेशन के बाहरी हिस्से पर कुछ प्रयोग किए जाते हैं, जैसे कि नई तकनीकों का परीक्षण या अंतरिक्ष की परिस्थितियों में विभिन्न पदार्थों का अध्ययन। इसके लिए एस्ट्रोनॉट्स को बाहरी वातावरण में काम करने की आवश्यकता होती है। - सौर पैनल की सफाई:
सौर पैनल जो स्पेस स्टेशन को ऊर्जा प्रदान करते हैं, समय-समय पर धूल, कण और अन्य अवशेषों से भर सकते हैं। इनकी सफाई भी स्पेसवॉक के दौरान एस्ट्रोनॉट्स द्वारा की जाती है।
स्पेसवॉक के दौरान एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा
स्पेसवॉक के दौरान एस्ट्रोनॉट्स को कई सुरक्षा उपायों का पालन करना पड़ता है, क्योंकि अंतरिक्ष का वातावरण बेहद खतरनाक हो सकता है। उनके पास विशेष स्पेस सूट होते हैं, जिनमें कई महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषताएँ होती हैं:
- स्पेस सूट:
एस्ट्रोनॉट्स के स्पेस सूट को बहुत मजबूत और सुरक्षित बनाया जाता है। यह सूट उन्हें शून्य गुरुत्वाकर्षण में भी सुरक्षा प्रदान करता है, और यह शरीर को अत्यधिक तापमान से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सूट में एक ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणाली भी होती है, जिससे एस्ट्रोनॉट्स को श्वसन की सुविधा मिलती है। - संचार उपकरण:
एस्ट्रोनॉट्स के पास एक संचार उपकरण होता है, जिससे वे स्पेस स्टेशन के अंदर स्थित उनके साथी एस्ट्रोनॉट्स से लगातार संपर्क बनाए रखते हैं। इस उपकरण से वे किसी भी आपात स्थिति में एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। - लाइफलाइन:
एस्ट्रोनॉट्स के पास एक लाइफलाइन होती है, जो उन्हें स्पेस स्टेशन से जोड़ने का कार्य करती है। यह एक मजबूत रस्सी या तार की तरह होती है, जो उन्हें स्टेशन से बाहर निकलने के दौरान सुरक्षित रखती है। - वातावरण का नियंत्रण:
अंतरिक्ष में कोई वायुमंडल नहीं होता, इसलिए एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस सूट के माध्यम से तापमान, आर्द्रता, और हवा की आपूर्ति नियंत्रित करनी होती है। यह उन्हें ठंडे और गर्मी के प्रभाव से बचाता है।
स्पेसवॉक की चुनौती और रोमांच
स्पेसवॉक किसी भी एस्ट्रोनॉट के लिए एक शानदार और रोमांचक अनुभव होता है, लेकिन यह बेहद चुनौतीपूर्ण भी होता है। शून्य गुरुत्वाकर्षण के कारण, एस्ट्रोनॉट्स को बाहरी वातावरण में पूरी तरह से संतुलन बनाए रखना पड़ता है। उनके लिए यह एक शारीरिक और मानसिक चुनौती होती है, क्योंकि उन्हें एक ओर जहां काम करना होता है, वहीं दूसरी ओर स्पेस सूट और जीवन समर्थन प्रणालियों के साथ बाहर की स्थिति से निपटना होता है।
स्पेसवॉक का इतिहास
स्पेसवॉक की शुरुआत 1965 में हुई थी, जब सोवियत यूनियन के एस्ट्रोनॉट एलेक्सी लेओनॉव ने अंतरिक्ष में बाहर निकलकर पहला EVA किया था। इसके बाद से, यह गतिविधि अंतरिक्ष अभियानों का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई। NASA और अन्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियाँ अब नियमित रूप से एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन से बाहर भेजती हैं ताकि वे आवश्यक कार्य कर सकें।
स्पेस स्टेशन से बाहर निकलने वाले एस्ट्रोनॉट्स न केवल अपने देश और मानवता की सेवा करते हैं, बल्कि वे अंतरिक्ष के रहस्यों का भी अनावरण करते हैं। स्पेसवॉक उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण और रोमांचक कार्य होता है, जो न केवल उनके शारीरिक कौशल की परीक्षा लेता है, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें तैयार करता है।
यह गतिविधियाँ दिखाती हैं कि अंतरिक्ष में काम करने के लिए एस्ट्रोनॉट्स को कितनी गंभीरता से प्रशिक्षण और तैयारी की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि जब एस्ट्रोनॉट्स स्पेस स्टेशन से बाहर निकलते हैं, तो वे न केवल अपने मिशन को पूरा करते हैं, बल्कि मानवता के लिए नए मानक भी स्थापित करते हैं।