
चार बड़ी सड़क परियोजनाओं के लिए आवंटित राशि
भोपाल। मोदी सरकार ने एमपी में सड़कों के विस्तार के लिए 4302 करोड़ रुपये की चार परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं के अंतर्गत भोपाल, ग्वालियर और सागर में राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास और बाइपास निर्माण शामिल होगा, जिससे क्षेत्रीय संपर्क और परिवहन में सुधार होगा। लोगों के लिए यात्रा और सुगम हो पाएगी।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मध्यप्रदेश को कई सड़कों की सौगात दी है। इससे राज्य में सड़क अधोसंरचना को मजबूती और विस्तार मिलेगा। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन विभाग के मंत्री नितिन गडकरी ने खुद सोशल मीडिया पोस्ट के द्वारा यह जानकारी दी है।
मध्यप्रदेश को चार महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के लिए कुल 4302 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। इन प्रोजक्ट में भोपाल, ग्वालियर और सागर जिलों में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार और बाइपास निर्माण शामिल हैं।
इसके तहत ग्वालियर शहर के पश्चिमी हिस्से में 28.516 किलोमीटर लंबा एक्सेस कंट्रोल्ड 4-लेन बाइपास 1347.6 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। वह बाइपास मुरैना और ग्वालियर जिलों के साथ-साथ मार्ग में स्थित ब्लॉक और तहसील मुख्यालयों को जोड़ेगा। वहीं यह सड़क खंड एनएच-46, एनएच-44 और आगामी आगरा-ग्वालियर एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे से जुड़ेगा, साथ ही जिससे क्षेत्रीय संपर्क में वृद्धि होगी।
इसके तहत सागर जिले में राहतगढ़ से बेरखेड़ी तक एनएच-146 के 10.079 किलोमीटर हिस्से को 731.3 करोड़ रुपये से 4-लेन में बदला जाएगा। यह परियोजना भोपाल-कानपुर इकोनामिक कॉरिडोर का हिस्सा है और घनी आबादी वाले राहतगढ़ क्षेत्र को बाइपास करेगी। इससे एनएच-44 और एनएच-346 के बीच संपर्क मजबूत होगा।
यह बाइपास सागर जिले में एनएच-146 पर लहदरा गांव जंक्शन से एनएच-44 पर बेरखेड़ी गुरु गांव तक 20.19 किलोमीटर लंबा होगा। सागर पश्चिमी बाइपास को 688 करोड़ रुपये से बनाया जाएगा। मौजूदा मार्ग शहरी बस्तियों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से होकर गुजरता है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है। अब यह समस्या दूर होगी।
भोपाल के संदलपुर से नसरुल्लागंज बाइपास तक राष्ट्रीय राजमार्ग-146बी के 43.20 किलोमीटर लंबे खंड को 4-लेन बनाने के लिए 1535.66 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इस प्रोजेक्ट से एनएच-47, एनएच-46 और एनएच-45 के साथ संपर्क बढ़ेगा। अत्याधिक भीड़भाड़ वाले इस मार्ग को पेव्ड शोल्डर सहित 4-लेन में चौड़ा करने से लंबी दूरी के यातायात और माल ढुलाई की क्षमता में सुधार होगा।