चिराग पासवान बनेंगे बिहार के मुख्यमंत्री ? सांसद अरूण भारती ने दिए संकेत

2025 यानि इसी साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव को लेकर तमाम दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. इसी बीच बिहार की सियासत में उथल पुथल मचाने वाली एक बड़ी अपडेट ये है कि लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद और चिराग पासवान के करीबी यानि उनके जीजा अरुण भारती ने ये संकेत दिए हैं कि चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. उनका कहना है कि बिहार को युवा नेतृत्व की जरूरत है. और इसीलिए पार्टी चाहती है कि चिराग पासवान बिहार की राजनीति में सक्रिय हों. इसके लिए उन्हें पार्टी की तरफ से विधानसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेजा गया है. अगर वह चुनाव लड़ने का प्रस्ताव स्वीकार करते हैं, तो आने वाले समय में यह तय किया जाएगा कि वह किस सीट से उम्मीदवार होंगे……अब इस खबर से सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या चिराग मंत्रीपद छोड़ेंगे….पांच साल पुरानी लोकजनशक्ति पार्टी अब वो पार्टी नहीं रही… अब दो हिस्सों में बंट चुकी है… लोकजनशक्ति पार्टी यानि लोजपा (रामविलास पासवान) के अध्यक्ष हैं चिराग पासवान …लोकसभा चुनाव में उनके पांच उम्मीदवार खड़े हुए…औऱ सभी जीत गए थे…इधर दूसरी पार्टी है रालोजपा जिसके अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस …चिराग के चाचा…जो लोकसभा चुनाव से अलग रहे… बाद के दिनों में उन्होंने एनडीए से नाता भी तोड़ लिया… एनडीए ने असली मानकर लोजपा (रा) से गठबंधन किया….लोकसभा चुनाव में सबकुछ ठीक चला… लेकिन, विधानसभा चुनाव में फिर पांच साल पुराना माहौल बनता जा रहा है। नतीजा ये हो रहा है सहयोगी दलों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है… एक लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की छह सीटें होती हैं..जिसमें आरा और नालंदा अपवाद हैं क्योंकि दोनों में विधानसभा की सात-सात सीटें हैं…अब चिराग पासवान पांच लोकसभा सीटों पर हुई जीत के आधार पर 30 सीटों की मांग कर रहे हैं….तो 2020 के चुनाव के समय भी मांग यही थी उस समय इतनी सीटें न मिलने पर चिराग ने अलग रास्ता अपनाया था…तो अब समझते हैं कि बीच का रास्ता क्या हो सकता है…भाजपा और जेडीयू जैसे दोनों बड़े दलों ने ऐसे मुश्किल समय में भी बीच का रास्ता निकाला है…. 2010 में जदयू ने भाजपा को 102 सीटें दी थी। साथ में अपने पांच उम्मीदवार भी दे दिए थे….और ऐसा ही फार्मूला भाजपा ने 2020 में विकासशील इंसान पार्टी पर लागू किया उसे 11 सीटें दी थीं साथ में अपने पांच उम्मीदवार भी दे दिए थे और इसका पार्टी को फायदा भी हुआ था….चिराग पासवान अब तक अपने पिता रामविलास पासवान की तरह ही केंद्र की राजनीति करते रहे हैं… मौजूदा मोदी सरकार में भी मंत्री हैं। 2014 और 2019 में वे बिहार की जमुई सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। 2024 में वह बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। इस सीट से उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान लंबे समय तक सांसद रहे थे। चिराग पासवान ने 2020 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे। सीएम नीतीश को इसका नुकसान भी उठाना पड़ा था। संयोग यह भी 2005 में रामविलास पासवान केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री थे। चिराग अभी एनडीए सरकार में मंत्री हैं। बिहार की राजनीति में यह प्रश्न इन दिनों पूछा जाने लगा है-क्या चिराग इतिहास की पुनरावृति कर सकते हैं? मुकेश सहनी चार विधायकों के नाम पर इतराने लगे तो भाजपा ने सहनी के विधायकों को अपनी पार्टी में मिला लिया।यही काम नीतीश कुमार ने भी 2010-15 के बीच में किया था। भाजपा से तकरार के बाद जदयू कोटे से भाजपा के विधायक बने लोग नीतीश के साथ खड़े हो गए।लोजपा के मामले में भी बीच का यह रास्ता अपनाया जा सकता है। इस फार्मूले पर चिराग सहमत होंगे या नहीं, इसके बारे में अभी कुछ कहना उचित नहीं होगा… ये पार्टी लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ने से परहेज नहीं करती है।2004 के लोकसभा चुनाव में यूपीए में लोजपा शामिल थी। लेकिन, 2005 के विधानसभा चुनाव में वह स्वतंत्र लड़ी। इसी तरह 2019 के लोकसभा में वह एनडीए की पार्टनर थी। लेकिन, 2020 के विधानसभा चुनाव वह अकेले लड़ी….हालांकि दोनों चुनावों में उसे घाटा ही उठाना पड़ा। 2005 में उसके 29 में से अधिसंख्य विधायक एनडीए में चले गए। 2020 में जीते उसके इकलौते विधायक जदयू में शामिल हो गए…अब सवाल ये है कि क्या चिराग बिहार के अगले मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं? इस सवाल के जवाब में अरुण भारती कह चुके हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ा जाएगा। लेकिन, चिराग पासवान को बिहार के विकास के लिए बड़ी भूमिका में आना होगा…तो अरूण भारती यानि चिराग की पार्टी का साफ साफ कहना है कि चिराग बिहार के अगले मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री होने की संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं….

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