दिल्ली में AAP पर फिर तंज कसने की तैयारी में भाजपा

कुर्सी पर खतरे का संकेत

दिल्ली में मेयर चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है। इसके साथ ही करीब 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी बीजेपी की नजर इस चुनाव पर है। पार्टी की कोशिश AAP को यहां करारा झटका देने की है। एमसीडी की मौजूदा स्थिति भी बीजेपी के पक्ष में नजर आ रही। हालांकि, कांग्रेस और एक निर्दलीय पार्षद का रोल अहम रहेगा।
राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। असेंबली चुनाव में AAP को मिली करारी शिकस्त के बाद बीजेपी एक और मोर्चे पर उसे झटका देने की तैयारी कर रही है। दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव अप्रैल में होने हैं। अभी मेयर का पद आम आदमी पार्टी के पास है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी की नजर इस सीट पर है और उसके पास जीत की प्रबल संभावना है। दिसंबर 2022 में AAP ने MCD में बीजेपी के 15 साल के राज को खत्म किया था। फरवरी 2023 में शैली ओबरॉय AAP की पहली मेयर बनीं। नवंबर 2024 में महेश खींची दूसरे मेयर चुने गए। अब बीजेपी वापसी की कोशिश में है।

दिल्ली नगर निगम की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो संख्या बल बीजेपी के पक्ष में नजर आ रहा है।इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के पास 131 वोट हैं, जबकि बहुमत के लिए 132-133 वोट चाहिए। वहीं आम आदमी पार्टी के पास 122 वोट हैं। अगर मेयर चुनाव में AAP पकड़ बनाए रखना चाहती है तो उसे कांग्रेस और एक निर्दलीय पार्षद के समर्थन की जरुरत होगी। ऐसा होने पर ही AAP बहुमत के आंकड़े तक पहुंच सकती है।
MCD में कुल 250 वार्ड हैं। इनमें से 12 खाली हैं। बीजेपी के 7 और आम आदमी पार्टी के 4 पार्षद विधायक चुने गए हैं। एक और पार्षद BJP की कमलजीत सहरावत जून में लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गईं। ऐसे में खाली सीटों पर चुनाव मेयर इलेक्शन के बाद होंगे। इसलिए अभी पार्षदों की संख्या 238 है। अध्यक्ष की ओर से मनोनीत 14 विधायकों को भी वोटिंग का अधिकार होगा। 10 सांसद (लोकसभा के 7 और राज्यसभा के 3) भी मेयर चुनाव में हिस्सा लेंगे।

2022 के MCD चुनाव के बाद AAP के 134, BJP के 104, कांग्रेस के 9 और 3 निर्दलीय पार्षद थे। वही इस बदलाव की वजह खाली हुई सीटें हैं। इन सीटों पर चुनाव होने तक मौजूदा पार्षद ही वोट करेंगे। इसलिए BJP के पास मेयर चुनाव जीतने का अच्छा मौका है। देखना होगा कि क्या AAP अपनी कुर्सी बचा पाती है या BJP दिल्ली में अपना ट्रिपल इंजन सरकार बनाने में सफल रहेगी। दिल्ली की राजनीति के लिए ये चुनाव बेहद अहम माना जा रहा।
बीजेपी को उम्मीद है कि वो MCD में फिर से वापसी करेगी। AAP के लिए ये चुनाव अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती है। कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद किंगमेकर की भूमिका में होंगे। उनका समर्थन जिस पार्टी को मिलेगा, उसके जीतने की संभावना बढ़ जाएगी। दिल्ली की जनता की निगाहें इस चुनाव पर टिकी हैं। देखना होगा कि दिल्ली की सत्ता किसके हाथ में जाती है…

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