
तेलंगाना। नागपुर में हाल ही में भड़की हिंसा को लेकर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ(आरएसएस) की ओर से प्रतिक्रिया भी सामने आई है। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर का भी कहना है कि किसी भी तरह की हिंसा समाज के लिए ठीक भी नहीं हैं।
शंभजी नगर से औरंगजेब की कब्र को हटाने की वीएचपी और अन्य संगठनों की मांगों के बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) के प्रवक्ता सुनील आम्बेकर ने बड़ा बयान भी दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा है कि मुगल बादशाह आज के समय में “प्रासंगिक नहीं” हैं। उन्होंने जोर देकर कहा है कि किसी भी तरह की हिंसा को हतोत्साहित भी किया जाना चाहिए।
आम्बेकर ने कहा है, औरंगजेब आज प्रासंगिक भी नहीं हैं। किसी भी तरह की हिंसा को प्रोत्साहित नहीं जाना चाहिए। आरएसएस का यह रुख ऐसे समय में भी आया है जब औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग और इससे जुड़ी विभिन्न अफवाहों को लेकर नागपुर में भड़की हिंसा के बाद तनाव चरम पर भी पहुंच गया है।
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर का भी कहना है कि किसी भी तरह की हिंसा समाज के लिए ठीक भी नहीं हैं। आम्बेकर ने यह बात बंगलूरू में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुरू होने के पहले भी कही।
औरंगजेब विवाद से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा है कि ऐसा कोई विवाद सही भी नहीं है। पुलिस मामले की जांच भी कर रही है और जो भी जरूरी होगा पुलिस कार्रवाई भी करेगी। यह पूछे जाने पर कि आज के दौर में क्या औरंगजेब के नाम पर विवाद प्रासंगिक भी है? आम्बेकर ने जवाब दिया- ऐसा कतई प्रासंगिक भी नहीं है।
आरएसएस की अखिल भारतीयq प्रतिनिधि सभा की बैठक 21-23 मार्च को बंगलूरू में भी होनी है। इस बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर चर्चा भी की जाएगी और पिछले वर्ष के कार्यों की समीक्षा भी की जाएगी।
भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा’ की तीन दिवसीय बैठक (21-23 मार्च) को बंगलूरू में होना निश्चित रूप से किया गया है। इस बैठक में संघ के सर्वोच्च पदाधिकारी मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसबोले और सभी सहयोगी संस्थाओं के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री सहित 1480 कार्यकर्ता भी शामिल होंगे।