फॉरेक्स ट्रेडिंग कंपनी में निवेश के नाम पर करोड़ो का चूना

धोखाधड़ी का आरोप

गाजियाबाद में फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए 100 से ज्यादा लोगों से 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई है। ठगी का मास्टरमाइंड लोगों को 8-9 प्रतिशत मासिक रिटर्न का झांसा देकर निवेश करा रहा था। मुख्य आरोपी लापता है।
फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का झांसा देकर शातिरों ने 100 से ज्यादा लोगों से गाजियाबाद में 100 करोड़ से अधिक की ठगी कर ली।वही कुछ समय तक शातिरों ने मुनाफा भी दिया फिर देश में इस ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगने और बैंक खाते सील किए जाने की बात कहकर मुनाफे के साथ निवेश भी वापस लौटाने से इनकार कर दिया।
एक पीड़ित ने 74 लाख रुपए की ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। वही अदालत के आदेश पर कौशांबी थाने में दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर कई लोगों से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश करवाया गया था, जिसे वापस नहीं किया जा रहा है।

दिल्ली के गांधीनगर में रहने वाले दीपक ठाकुर दोस्त संजय के साथ नोएडा में गोल्ड ट्रेडिंग की फर्म चलाते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि पांच साल पहले जानकार राजीव ने गोल्ड ट्रेडिंग पर 100 गुना मुनाफे का झांसा देकर 70 लाख रुपये लिए। मगर पूरी रकम डूब गई। राजीव ने एआई के जरिये फॉरेक्स ट्रेडिंग में पैसा लगाने पर 12 फीसदी तक के रिटर्न का दोबारा झांसा दिया और उन्होंने 2.4 लाख रुपये फिर दे दिए।
उन्होंने एक साइट पर खाता बनवाया और हर महीने 8-9 फीसदी रिटर्न दिलाने लगा। इसके बाद ललित नाम के शख्स से मिलवाया। कहा कि यह कबाना कैपिटल ब्रोकर हाउस के मालिक है, ये ट्रेडर अकाउंट खोल देंगे। जिसके जरिये लोगों से निवेश कराने पर तुम्हें मोटा कमीशन मिलेगा। पीड़ित ने सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये निवेश करा दिए। रुपये साहिबाबाद स्थित बैंक शाखा के खाते में जमा कराते थे।
आरोप है कि करीब 100 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों से आरोपी राजीव को दिए। बदले में कुछ रिटर्न भी मिला। जुलाई 2023 से रिटर्न आना बंद हो गया। इस पर राजीव ने बताया कि आरबीआई ने फॉरेक्स ट्रेडिंग गैरकानूनी कर दी है। खाते सीज हो गए हैं। जल्द ही सभी के रुपये लौटा दिए जाएंगे। इसके बाद आरोपी राजीव फरार हो गया।

दीपक ठाकुर के अनुसार राजीव एक ग्राहक बनकर आया था और गोल्ड की जगह फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश की सलाह दी। इसके साथ ही कहा कि उसमें 100 गुना मुनाफा मिल सकता है। कहा कि मेरे ऑफिस आ जाओ। इसपर वह दोस्त संजय वर्मा के साथ वैशाली स्थित उसके दफ्तर में पहुंचे। राजीव ने बताया कि वह सॉफ्टवेयर से लेन देन करता है। बिजनेस पूरी तरह लीगल है। उसने आरबीआई के कुछ कागज भी दिखाए। उसने कबाना कैपिटल नाम के ब्रोकर की वेबसाइट दिखाई।
तीन महीने बाद उनके ऑफिस में ललित नाम के शख्स को लेकर आया। ललित ने अपने फोन पर ‘मेरा ट्रेडर-5’ ओपन कर कई खाते दिखाए, जिनमें लाखों करोड़ों की रकम थी। साथ ही कहा कि लोगों के अकाउंट ओपन कर लाखों का कमीशन कमा सकते हो।
आरोप है कि राजीव वर्मा ने उन्हें कंपनी का एक बुकिंग ऑफिस खोलने और लोगों से इन्वेस्टमेंट करवाने के लिए कहा। जिस पर उन्होंने ऑफिस खोलकर इन्वेस्टमेंट करवाना शुरु कर दिया। राजीव ने उनसे कंपनी के खाते में रुपया जमा करवाने के लिए कहा। उनका कहना था कि यदि वह खाते में रुपए जमा करेंगे तो टैक्स की परेशानी रहेगी और फायदे की जगह नुकसान होगा। कंपनी के खाते में रुपया जमा करने पर सीधा लंदन से ऑपरेट होगा और टैक्स की परेशानी नहीं होगी।

उन्होंने परिचित शिव कुमार शर्मा दिल्ली, अमरीक सिंह पेहवा पंजाब, तरुण भारद्वाज व अन्य कई जानकारों के खाते खोले और राजीव के दिए खाते खाते में रुपये डालते रहे। सभी को 8 प्रतिशत प्रतिमाह मुनाफा मिलता रहा। सभी से कहा गया था कि वे कभी भी मूलधन निकाल सकते हैं। इस तरह से 100 करोड़ से भी अधिक की ठगी को अंजाम दिया गया।

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