
नीतीश कुमार के ‘खास’ संजय झा, क्या अमित शाह की चाल?
बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सुप्रीमो नीतीश कुमार के करीबी संजय कुमार झा की बढ़ती ताकत ने सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। क्या नीतीश कुमार की रणनीति के पीछे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दिमाग है? X पर वायरल पोस्ट्स और बिहार की सियासत की अंदरूनी खबरों ने इस मुद्दे को और दिलचस्प बना दिया है। आइए, जानते हैं इस सियासी ड्रामे की पूरी कहानी!
संजय झा: नीतीश के ‘राइट हैंड’ या BJP का ‘प्लान’?
संजय कुमार झा, जो कभी बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली के करीबी माने जाते थे, आज JDU में नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद सिपहसालार बन चुके हैं। X पर कुछ यूजर्स का दावा है कि संजय झा को इतनी अहमियत देने के पीछे बीजेपी की रणनीति है, जिसका मकसद JDU को अपने नियंत्रण में लाना है। एक पोस्ट में लिखा गया, “संजय झा के जरिए बीजेपी, JDU को धीरे-धीरे खत्म करने की राह पर है!” क्या यह सचमुच अमित शाह की चाल है, या नीतीश की अपनी रणनीति?
ऑपरेशन सिंदूर और संजय झा की भूमिका
हाल ही में केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को दुनिया के सामने लाने के लिए सांसदों की टीम को विदेश भेजने का फैसला किया। इस अभियान में संजय झा की अहम भूमिका रही है, जिसने उनकी सियासी हैसियत को और मजबूत किया। X पर कुछ यूजर्स का कहना है कि यह नीतीश कुमार की रणनीति का हिस्सा है, ताकि संजय झा के जरिए JDU का राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव बढ़े। लेकिन कुछ का मानना है कि यह बीजेपी की सोची-समझी चाल है, जिसमें संजय झा को मोहरा बनाया जा रहा है।
नीतीश कुमार क्यों दे रहे संजय झा को इतनी तवज्जो?
संजय झा को JDU में लगातार बढ़ता कद देखकर सियासी पंडित हैरान हैं। बिहार में हाल के बदलाव, जैसे संगठनात्मक नियुक्तियां और नीति निर्णय, में उनकी भूमिका को देखकर लगता है कि नीतीश उन पर पूरा भरोसा कर रहे हैं। X पर एक यूजर ने लिखा, “नीतीश बेबस हैं, और संजय झा के हाथों में JDU की कमान चली गई है।” क्या नीतीश अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए संजय झा पर दांव लगा रहे हैं, या यह बीजेपी के साथ गठबंधन की मजबूरी है?
बीजेपी और JDU का गठबंधन:
सियासी शतरंज का खेल
बिहार की सियासत में बीजेपी और JDU का गठबंधन हमेशा चर्चा में रहता है। X पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया है कि अमित शाह के इशारे पर संजय झा को JDU में इतना महत्व दिया जा रहा है ताकि नीतीश कुमार को किनारे किया जा सके। एक यूजर ने लिखा, “JDU का भविष्य बीजेपी के हाथों में है, और संजय झा उसका चेहरा बन रहे हैं।” यह सवाल उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार अपनी पार्टी पर नियंत्रण खो रहे हैं, या यह उनकी सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है?
बिहार की जनता और विपक्ष की नजर
इस सियासी उठापटक ने न केवल JDU और बीजेपी के कार्यकर्ताओं को दो धड़ों में बांट दिया है, बल्कि विपक्ष को भी हमलावर होने का मौका दे दिया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में हैं। X पर कांग्रेस समर्थकों ने संजय झा की बढ़ती ताकत को JDU की कमजोरी के रूप में पेश किया है। एक यूजर ने लिखा, “नीतीश जी, संजय झा को इतना बढ़ावा देकर आप अपनी ही पार्टी को खतरे में डाल रहे हैं!”