बिहार में सरकार बनने पर शराब की दुकानें खोलेगी कांग्रेस

कांग्रेस विधायक ने किया दावा सरकार बनी तो खोलेंगे दुकानें

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देजनर राज्य की सियासत में शराबबंदी को लेकर बवाल मचा है। नीतीश कुमार की सरकार में शराब की बिक्री पर बैन लगा हुआ है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ताड़ी कानून को फिर से लागू करने का ऐलान किया है.वहीं, कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने बयान दिया है कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो राज्य में फिर से शराब की बिक्री शुरू होगी, जैसे पहले ठेकों से होती थी.

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब तेजस्वी यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई बड़े ऐलान किए हैं. तेजस्वी यादव ने ताड़ी कानून फिर से लागू करने का वादा किया है.

बता दें कि फिलहाल बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चल रही है. नीतीश कुमार ने सरकार बनने के बाद ही शराबबंदी का ऐलान किया है और शराब बिक्री को लेकर कड़े कानून बनाए हैं. शराब बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि शराबबंदी पूरी तरह से फेल हो गयी है.

सरकार बनी तो खुलेंगी शराब की दुकानें, कांग्रेस विधायक का दावा

तेजस्वी यादव से एक कदम आगे बढ़कर कांग्रेस ने कहा कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम बिहार में शराब की दुकानें फिर से खुलवाएंगे. शराबबंदी सिर्फ गरीबों को परेशान करने का एक जरिया है. वहीं शराब निषेध मंत्री ने कहा ये लोगों को भड़का रहे हैं.

बता दें कि महागठबंधन में कांग्रेस आरजेडी की अहम सहयोगी पार्टी है, लेकिन शराबबंदी को लेकर दोनों के रुख में अंतर दिखाई दे रहा है. कांग्रेस विधायक ने शराबबंदी कानून खत्म करने की खुली घोषणा कर दी है, जबकि आरजेडी ने इस पर अभी तक कोई सीधा बयान नहीं दिया है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि नशामुक्ति से कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन ताड़ी के लिए पुराना कानून लागू किया जाएगा.

पुराना ताड़ी कानून फिर से होगा लागू: तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि लालू प्रसाद ने पहले ताड़ी पर टैक्स हटाया था और अब इस पर नए सिरे से विचार किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल हो चुकी है और यह कानून पुलिस के लिए एक हथकंडा बन गया है, जिससे वे तस्करों से मिलीभगत कर रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक 12 लाख 79 हजार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, यानी हर महीने औसतन 12 हजार लोग गिरफ्तार किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा था कि पासी समाज, जो आबादी का लगभग 2% है, इस कानून से सबसे अधिक प्रभावित हो रहा हैय तेजस्वी ने कहा कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. अब देखना होगा कि महागठबंधन की इस आंतरिक असहमति का बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ता है और जनता इस पर कैसी प्रतिक्रिया देती है?

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