
बीजेपी और एनडीए के सहयोगियों के साथ की बैठक
पटना। बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बूथ प्रबंधन पर जोर दिया है। अमित शाह ने भाजपा विधायकों को अगले छह माह के लिए बूथ प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया। मोदी हर महीने बिहार दौरे पर होंगे। साथ ही, बीजेपी ने महाराष्ट्र मॉडल अपनाने का फैसला किया है जिससे पार्टी को महाराष्ट्र में फायदा मिला था।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों बिहार का दो दिवसीय दौरा किया था। इस दौरान अमित शाह ने बीजेपी और एनडीए के सहयोगियों के साथ चर्चा की। अमित शाह ने अपने दौरे पर बिहार चुनाव के लिए खास रणनीति बनाते हुए बीजेपी विधायकों, कार्यकर्ताओं को जीत का टास्क दिया। दरअसल पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। पार्टी 240 सीटों पर अटक गई थी। इसके बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली। इन राज्यों की जीत से पार्टी में नई ऊर्जा आई है। अब बीजेपी का अगला लक्ष्य बिहार है। बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। इसी को लेकर अमित शाह ने खास रणनीति बनाई है। आइए जानते हैं
अमित शाह का दो दिन का बिहार दौरा बहुत महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने बिहार में कई कार्यक्रमों में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और एनडीए के सहयोगियों के साथ बातचीत की। अमित शाह ने बीजेपी के 84 विधायकों को अगले छह महीनों के लिए बूथ प्रबंधन पर ध्यान देने का काम सौंपा है। इस काम में बीजेपी के पदाधिकारी उनकी मदद करेंगे।
अमित शाह ने बिहार भाजपा के नेताओं से बात करते हुए कहा कि पार्टी को उन बूथों पर ध्यान देने की जरूरत है, जहां भाजपा के पारंपरिक वोटर बिल्कुल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भी ऐसा ही किया था। इससे पार्टी को बहुत फायदा हुआ था। पार्टी का वोट बैंक बढ़ा। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि बूथ मैनेंजमेंट के अलावा वेल्फेयर स्कीम के लाभार्थी भाजपा की चुनावी सफलता की अहम कड़ी रहे हैं। ऐसे में इन लोगों के लिए रणनीति के तहत काम किया जाए।
अमित शाह ने भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों के साथ लगातार दो बैठकें कीं। उन्होंने एक मजबूत एनडीए के बारे में बात की। इसमें उन्होंने जेडीयू के चीफ और सीएम नीतीश कुमार का जिक्र किया। अमित शाह ने सहयोगियों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों तक लगभग हर महीने राज्य का दौरा करेंगे।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बूथ स्तर पर काम करने का मतलब है बूथवार परिणामों का अध्ययन करना। साथ ही स्थानीय सरकारी अधिकारियों से आयुष्मान भारत, पीएम उज्ज्वला योजना और पीएम आवास योजना जैसी योजनाओं को लागू करवाकर मतदाताओं को वापस जीतना है। इसका मतलब है कि हर बूथ पर कितने वोट मिले, इसका हिसाब रखना है। और यह देखना है कि सरकारी योजनाओं का फायदा लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं।
अमित शाह ने आंतरिक बैठकों में कहा कि महाराष्ट्र में 21% बूथ ऐसे थे, जहां पार्टी को ज्यादा वोट मिले। इससे उसे राज्य में लोकसभा की संख्या में गिरावट देखने के बाद विधानसभा चुनावों में वापसी करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि BJP को बिहार में भी यही लक्ष्य रखना चाहिए। गृह मंत्री ने NDA दलों के मजबूत सामाजिक संयोजन के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि इससे पार्टी को फायदा होगा।
एनडीए के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और जेडीयू 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ने की सोच रहे हैं, जबकि 43 सीटें हम चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टीऔर उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा जैसे छोटे सहयोगियों के लिए छोड़ी गई हैं। इसका मतलब है कि एनडीए में सीटों का बंटवारा लगभग तय हो गया है।