
बेड का सिराहना (हेडबोर्ड) घर में सही दिशा में रखना वास्तु के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गलत दिशा में सिर करके सोने से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है, जिससे मानसिक तनाव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और आर्थिक तंगी जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
वास्तु के अनुसार बेड का सिराहना रखने की दिशा:-
- पूर्व दिशा: पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से मानसिक शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है। विद्यार्थियों और कामकाजी लोगों के लिए यह दिशा उत्तम मानी जाती है।
- दक्षिण दिशा: दक्षिण दिशा में सिर करके सोना सबसे अच्छा माना जाता है। यह स्वास्थ्य, दीर्घायु और शांति में वृद्धि करता है। वास्तु के अनुसार यह सबसे सकारात्मक दिशा है और स्वास्थ्य एवं समृद्धि को बनाए रखने में मदद करती है।
- पश्चिम दिशा: अगर पूर्व और दक्षिण दिशा में सोना संभव न हो, तो पश्चिम दिशा में सिर रखकर सो सकते हैं। यह दिशा भी उचित मानी जाती है और संतुलन बनाए रखने में सहायक होती है।
सही दिशा में सिराहना लगाने के फायदे क्या होते हैं:-
- सकारात्मक ऊर्जा: सही दिशा में सोने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे मानसिक शांति और अच्छी नींद आती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: सही दिशा में सिर करके सोने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी आती है और मानसिक संतुलन बना रहता है।
- वित्तीय स्थिति में सुधार: वास्तु के अनुसार सही दिशा में सोने से आर्थिक तंगी दूर होती है और समृद्धि आती है।
इन दिशाओं से क्या परहेज करने चाहिए
- उत्तर दिशा: उत्तर दिशा में सिर करके सोना वास्तु में निषेध माना गया है। इससे थकान, बेचैनी, और मानसिक तनाव हो सकता है। यह दिशा मस्तिष्क में नकारात्मक ऊर्जा को जन्म देती है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
वास्तु के अनुसार सोने की दिशा के कुछ अन्य टिप्स को आपके लिए अच्छे साबित होंगे:-
बेड के नीचे सफाई रखें: बेड के नीचे अनावश्यक वस्तुएं न रखें, इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
कांच या मेटल के बेड का उपयोग न करें: लकड़ी का बेड वास्तु के अनुसार शुभ माना जाता है, जबकि मेटल बेड नकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।
सिराहना रखते समय में इन गलतियों से बचे:-
- उत्तर दिशा में पैर न रखें: वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा की ओर सिर और दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। यह स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है और मन में अस्थिरता ला सकता है। इसलिए, सिर को उत्तर दिशा की ओर रखना उचित नहीं माना जाता।
- पश्चिम दिशा में सिराहना: पश्चिम दिशा में सिर रखकर सोने से अत्यधिक काम का बोझ और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए सही नहीं है जो पहले से ही दबाव और तनाव में हैं।दर्पण के सामने सिराहना न हो:
अगर बेड के सामने दर्पण हो और आप उसमें खुद को देख सकें, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह नींद में रुकावट, मानसिक बेचैनी, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
इन दिशानिर्देशों का पालन करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है, और व्यक्ति जीवन में सकारात्मकता का अनुभव करता है।