
पांच देशों में डेलिगेशन रवाना होगा…
भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के वरिष्ठ सांसदों को मिलाकर आठ अलग-अलग डेलिगेशन गठित किए हैं, जो 22 मई से 10 दिनों तक अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम (UK), दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का दौरा करेंगे. इन डेलिगेशन का मकसद है – दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पीछे की मजबूरी को स्पष्ट करना.
ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी और पाकिस्तान पर भारत का संदेश
7 मई को भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (POJK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया. इस ऑपरेशन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया था कि भारत ने कम से कम 100 आतंकवादियों को मार गिराया है. यह कार्रवाई पाकिस्तान की ओर से लगातार बढ़ रहे आतंकी हमलों और घुसपैठ की घटनाओं के जवाब में की गई.
8 मई को संसद में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सभी प्रमुख दलों को इस सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी गई. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे.
विदेशी दौरे पर जाएंगे सांसद, 5 देशों में रखेंगे भारत का पक्ष
सरकार अब इस सैन्य अभियान की पृष्ठभूमि और भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखना चाहती है. इसके लिए 5-6 सांसदों के आठ समूह बनाए गए हैं, जिन्हें अलग-अलग देशों में भेजा जाएगा. इन समूहों का नेतृत्व वरिष्ठ सांसद करेंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर इनमें से एक ग्रुप के लीडर होंगे. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भी डेलिगेशन में शामिल किए जाने की चर्चा है.
हर डेलिगेशन में विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी और एक सरकारी प्रतिनिधि भी शामिल रहेगा, ताकि आधिकारिक संवाद और कूटनीतिक बातचीत सहज ढंग से हो सके. सांसदों को उनके दौरे की तैयारी के लिए निमंत्रण भेजा जा चुका है और उन्हें पासपोर्ट व अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं. पूरे अभियान की निगरानी और समन्वय की जिम्मेदारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के पास है.
आतंकवाद पर भारत का वैश्विक दृष्टिकोण होगा मुख्य एजेंडा
इन सांसदों का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह स्पष्ट करना है कि भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करता और अपनी जनता की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है. भारत यह भी बताएगा कि पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंकी संगठन न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक शांति के लिए खतरा हैं.
यह पहल भारत की कूटनीति में एक नया आयाम जोड़ती है, जिसमें विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को एक साझा उद्देश्य के लिए वैश्विक मंच पर भेजा जा रहा है. इससे न केवल भारत की लोकतांत्रिक ताकत का प्रदर्शन होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष एक एकजुट भारत का संदेश भी जाएगा.