
बड़े बोल ना बोल रे, तोल मोल के बोल…..जीहां तोल मोल के बोल….. मध्यप्रदेश सरकार के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह अपने अनर्गल बयान के बाद से एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर हैं…..बिगड़े बोल के कारण एक बार वो अपना मंत्रीपद पहले भी गंवा चुके है…. पिछले साल जंगल में आग जलाकर पार्टी करने की पोस्ट के बाद भी उनकी किरकिरी हुई थी… अब कर्नल सोफिया को आंतंकियों की बहन बताने वाले बयान को लेकर वे खुद की पार्टी और विपक्ष के निशाने पर आ चुके है। देखा जाए तो उनकी गिनती भाजपा के सीनियर नेताओं में होती है जो कई बार मंत्री भी बनाए गये….वर्ष 1998 से वे हरसूद विधानसभा सीट से चुनाव जीतते आ रहे है और सातवीं बार विधायक है। आदिवासी नेता होने के कारण उन्हें गौर सरकार, शिवराज और मोहन सरकार तीनों में मंत्रीपद मिला है। इतना अनुभव होने के बावजूद उनके बोल अक्सर बिगड़ जाते हैं….जिसके कारण भाजपा को कई बार ड्रेमेज कंट्रोल करना पड़ा है… मध्य प्रदेश के मंत्री विजह शाह के बयान से पूरी पार्टी असहज हो गई है…जवाब देते नहीं बन रहा…क्योंकि एक तरफ देशभर में सेना का शौर्य बताया जा रहा है तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है….तो दूसरी तरफ सरकार के ही मंत्री सेना की महिला अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी के लिए अनर्गल बयान देते हैं…..सरकार और बीजेपी दोनों एक साथ ही विपक्ष के निशाने पर आ गई है। अब खबर ये है कि पार्टी आलाकमान ने बयान को लेकर सख्त रवैया अपनाया हैं। इसके बाद मंत्री विजय शाह भोपाल में पार्टी कार्यालय पहुंचे। मामला बिगड़ता देख उन्होंने नेतृत्व से अपने बयान को लेकर माफी मांग ली है। कर्नल सोफिया कुरैशी पर पूरे देश गर्व कर रहा है। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने उनको लेकर ऐसी टिप्पणी की है कि भाजपा के लोग मुंह छिपाते फिर रहे हैं…. बयान के वायरल होते ही हल्ला मच गया। शाह को सीधे भाजपा कार्यालय तलब कर लिया गया, हवाई चप्पल में ही भागते हुए शाह पहुंचे जहां जाकर उन्होंने माफी मांग ली….मंत्री विजय शाह ने ऐसा पहली बार नहीं बोला है…लंबी फेहरिस्त है इनके ऐसे बयानों की….. विधानसभा चुनाव के समय भी अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदारों को धमकाने के आरोप भी उन पर लगा… आठ साल पहले उन्होंने झाबुआ में आदिवासी कन्या छात्रावास में ट्रेकसूट वितरण के दौराना छात्रावास की युवतियों को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी और तो ऐर भरे मंच से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह को लेकर अशोभनीय टिप्पणी कर दी थी। तब उन्हें अपना मंत्रीपद गंवाना पड़ा था….1998 में पहला चुनाव जीतने के बाद विजय शाह ने खंडवा में पुलिस हिरासत में एक ढोलक बजाने वाले युवक की मौत का मुद्दा उठाया था…. तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। प्रदर्शन के दौरान शाह ने एक थाना प्रभारी को चांटा मार दिया था… इसके बाद पुलिसकर्मियों ने घेर कर शाह की डंडों से पिटाई कर दी… तब शाह का पैर फ्रैक्चर हो गया था….इस बार भी पार्टी ने इस तरह फटकार लगाई कि वे हवाई चप्पल पहनकर भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे और मीडिया से बचने के लिए दौड़ते हुए कार्यालय में दाखिल हो गए… भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मामले पर एमपी संगठन से रिपोर्ट मांगी। इसके बाद प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मंत्री विजय शाह को मिलने बुलाया और जमकर फटकार लगाई….इसके बाद उन्होंने मीडिया में कहा कि मैं बहन सोफिया से हजार बार माफी मांग सकता हूं। आपको बता दें कि जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह सोमवार को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर बेहद घटिया बयान दे दिया। जो मंगलवार को जमकर वायरल हुआ। अब फिर उनकी कुर्सी पर तलवार लटकी है।