मप्र में सरकार मोहन का बड़ा एक्शन हुआ है

मप्र में सरकार मोहन का बड़ा एक्शन हुआ है….पुलिस विभाग के कई आला अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है…..जिसमें लोकायुक्त से लेकर कई आईपीएस अधीकारियों तक सबको नई पोस्टिंग दी गई है….माना जाए तो ये मध्य प्रदेश बड़ी प्रशासनिक सर्जरी बताई जा रही है…..वैसे तो यहां बदलाव कब हो जाएं कहा नहीं जा सकता…….तब उन बदलावों की चर्चा भोपाल से लेकर दिल्ली तक होने लगती है….दरअसल, मोहन यादव सरकार ने 15 IPS अधिकारियों का ताबड़तोड़ तबादला कर दिया है…रविवार रात को गृह विभाग ने ट्रांसफर के आदेश जारी किए…यहां तक कि RTO के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के घर छापा मारने वाले प्रभारी महानिदेशक, लोकायुक्त जयदीप प्रसाद को 6 महीने में ही हटा दिया गया है.. उन्हें अब एडीजी, स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं.. जयदीप प्रसाद को 24 सितंबर 2024 को जारी आदेश में लोकायुक्त संगठन का प्रभारी महानिदेशक बनाया गया था.. जयदीप प्रसाद की जगह योगेश देशमुख को लोकायुक्त में प्रभारी महानिदेशक बनाया गया है.. वे अभी एडीजी, इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.. ए साईं मनोहर को इंटलीजेंस की कमान दी गई है.. सीएम के ओएसडी राकेश गुप्ता को संचालक, खेल एवं युवक कल्याण बनाया गया है… राकेश गुप्ता 5 महीने पहले 24 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ हुए थे.. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लोटने के बाद एडीजी राजबाबू सिंह की पोस्टिंग कर दी गई है… उन्हें PHQ में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण बनाया गया है..अब अगर इन ट्रांसफरों को ट्रांसफर ना कह कर प्रशासनिक सर्जरी कहें तो ज्यादा सही होगा…क्योंकि बीते तीन महीनों से लोकायुक्त विभाग जो था उस पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे वजह थी सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर हुई धमाकेदार छापेमारी….जिसकी जांच के घेरे में कई बड़े नाम आ चुके हैं… वैसे तो ये फेरबदल रीवा संभाग के अंतर्गत मऊगंज जिले में हुई हिंसा के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें 15 मार्च को एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) और एक नागरिक की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। घटना के दौरान पथराव के कारण छह अन्य पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे। अगस्त 2024 के बाद मध्य प्रदेश में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का यह पहला बड़ा फेरबदल है, जब 26 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया था।…लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि क्या मध्य प्रदेश का गृह विभाग इन अधिकारीयों से संतुष्ट नहीं था..या फिर सरकार को इन पर आशंका थी..आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारीयों के तबादले की कवायद शिवराज सरकार से ही चली आ रही है साल 2023 में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने नई ट्रांसफर नीति बनाई थी जिस नीति के चलते सभी विभागों के राज्य कैडर के विभागाध्यक्ष और सरकारी संस्थाओं में पदस्थ FIRST CLASS के अधिकारीयों का ट्रांसफर आदेश मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद प्रशासकीय विभाग जारी करेगा…लेकिन मोहन यादव सरकार का ये एक्शन काफी ज्यादा चर्चाओ में है..

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