
IIT बॉम्बे के बजाय UDCT का चयन
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल ही में IIT बॉम्बे को ₹151 करोड़ का दान देकर चर्चा में आए हैं. इस दान को उन्होंने अपनी पढ़ाई के प्रति ‘गुरु दक्षिणा’ के रूप में बताया. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि मुकेश अंबानी ने IIT बॉम्बे में दाखिला लेने के बजाय मुंबई के यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (UDCT) को चुना था. उन्होंने इसके पीछे का कारण साझा करते हुए कहा कि उनके पिता धीरूभाई अंबानी का मानना था कि UDCT में प्रैक्टिकल और इंडस्ट्री-उन्मुख शिक्षा मिलेगी, जो उनके भविष्य के लिए बेहतर होगी.
मुकेश अंबानी ने बताया कि उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने उन्हें UDCT में पढ़ने की सलाह दी थी, क्योंकि वहां का पाठ्यक्रम रिलायंस के कारोबार से जुड़ा था. धीरूभाई का मानना था कि IIT में सैद्धांतिक पढ़ाई ज्यादा होती है, जबकि UDCT में तकनीकी और व्यावहारिक ज्ञान पर जोर दिया जाता है. इस सलाह ने मुकेश के करियर को दिशा दी और वे रिलायंस में शामिल होने से पहले स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA भी कर चुके थे. उनकी इस पसंद ने उन्हें उद्योग जगत में एक मजबूत नींव प्रदान की.
मुकेश अंबानी ने IIT बॉम्बे को दिए गए ₹151 करोड़ के दान को अपनी जड़ों से जोड़ते हुए इसे एक भावनात्मक कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह दान शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने का उनका तरीका है, ताकि नई पीढ़ी को बेहतर अवसर मिल सकें. इस राशि का उपयोग IIT बॉम्बे में अनुसंधान, नवाचार और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा. अंबानी ने जोर देकर कहा कि शिक्षा ही देश के विकास का आधार है और वे इसके लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेंगे.
इस खबर ने सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोरीं. कई लोगों ने मुकेश अंबानी के इस दान को सराहा, तो कुछ ने उनके UDCT चुनने के फैसले को प्रेरणादायक बताया. एक पोस्ट में कहा गया कि यह दान न केवल शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सही दिशा में लिया गया फैसला कितना महत्वपूर्ण हो सकता है. इस घटना ने शिक्षा और उद्योग के बीच के संबंधों पर नई बहस छेड़ दी है, जो आने वाले समय में और गहरा सकती है.