विधानसभा सत्र में पीली लुगड़ी पहनकर विधायक प्रियंका पेंची ने मारी एंट्री।

विधायक प्रियंका पेंची का फोटो सोशल मिडिया पर आग की तरह हो रहा वायरल।

राजस्थान के बाद अब मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र में चाचौड़ा विधायक प्रियंका पेंची ने सोमवार को पीली लुगड़ी पहनकर एंट्री की। विधायक प्रियंका पेंची का यह फोटो सोशल मिडिया पर जमकर वायरल हो गया है। प्रियंका पेंची की शादी चाचौड़ा के पेंची में हुई है। उन्होंने 2023 में बीजेपी ज्वाइन की थी।
चाचौड़ा विधायक प्रियंका पेंची सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में पीली लुगड़ी पहनकर पहुंचीं। यह राजस्थानी आदिवासी मीणा समाज की पारंपरिक पोशाक है। इससे पहले राजस्थान विधानसभा में भी पीली लुगड़ी देखी गई थी। प्रियंका पेंची मूलतः राजस्थान के करौली जिले की रहने वाली हैं और उनकी शादी चाचौड़ा में हुई है। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

प्रियंका पेंची ने 2023 के विधानसभा चुनाव में चाचौड़ा सीट से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी।इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता लक्ष्मण सिंह को भारी मतों से हराया था। लक्ष्मण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं। प्रियंका पेंची एक इंजीनियर हैं और उनके पति प्रद्युमन सिंह मीणा IRS अधिकारी हैं। वह सदैव से सामाजिक रूप से सक्रिय रही हैं और पहले जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ चुकी हैं, जिसमें उन्हें मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।
विधानसभा पहुंचने पर प्रियंका पेंची की पीली लुगड़ी ने सबका ध्यान खींचा। यह पोशाक राजस्थान के मीणा समाज की पहचान है। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें तेजी से वायरल हुईं और लोगों ने उनकी प्रशंसा की। इससे पहले राजस्थान विधानसभा में भी एक विधायक पीली लुगड़ी पहनकर पहुंचे थे, जिसकी चर्चा हुई थी।
प्रियंका पेंची ने 2023 में ही बीजेपी ज्वाइन की थी।इसके साथ ही उनके पार्टी में शामिल होते ही उन्हें चाचौड़ा से टिकट दे दिया गया। इससे पूर्व विधायक ममता मीणा नाराज हो गईं और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बाद में ममता मीणा आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं। इस तरह चाचौड़ा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ। प्रियंका पेंची ने 1,10,254 वोट पाकर जीत हासिल की, जबकि लक्ष्मण सिंह को 48,684 वोट मिले।

प्रियंका पेंची का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। पेशे से इंजीनियर होने के बावजूद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और कम समय में ही अपनी पहचान बनाई। जिला पंचायत चुनाव में हार के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की। उनका सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहना और क्षेत्र की जनता से जुड़ाव उनकी जीत का मुख्य कारण रहा।

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