बीजेपी नेता गुलफाम सिंह यादव की हत्या के मामले में आया नया मोड़।

शरीर में जहरीले इंजेक्शन के कोई निशान नहीं।

10 मार्च को संभल के दबतरा हिमाचल गांव के खेत में गुलफाम सिंह यादव बैठै हुए थे। आरोप है कि इस दौरान बाइक से आए तीन लोगों ने उनके पेट में जहरीले इंजेक्‍शन से भरा सिरिंज घोंप दिया और बंदूक लहराते हुए फरार हो गए।

यूपी के संभल में 65 वर्षीय बीजेपी नेता गुलफाम सिंह यादव की जहरीले इंजेक्‍शन से हत्‍या के मामले ने पुलिस को उलझा कर रख दिया है। पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर में जहर मिलने का कोई निशान नहीं मिला है। गुन्नौर के सीओ दीपक कुमार ने बताया कि विसरा को फोरेंसिक जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। उन्‍होंने इस हत्‍याकांड के पीछे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की संभावना से इनकार नहीं किया है। गुलफाम सिंह यादव 2004 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ गुन्‍नौट सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ चुके थे।
एसपीकृष्ण बिश्नोई ने बताया कि पुलिस ने धरमवीर सिंह, रवि यादव, मुकेश यादव, महेश यादव और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। माना जा रहा है कि आरोपियों में से एक का संबंध किसी राजनीतिक दल से है। घटनास्थल से एक हेलमेट और सिरिंज बरामद की गई है। इन सामानों को अब दिल्ली में सीबीआई परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। अपराध के उद्देश्य की जांच की जा रही है और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए टीमों का गठन किया गया है।

आपको बता दें कि गुलफाम सिंह यादव गत सोमवार को दोपहर 1:30 बजे दबतरा हिमाचल गांव में अपने खेत में थे, जब तीन लोग उनसे मिलने के बहाने पहुंचे। बातचीत के दौरान उन्होंने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की और पानी पिया। गुलफाम के 30 साल के बेटे दिव्‍य प्रकाश यादव ने बताया कि तीन लोगों ने मेरे पिता को जबरन रोका और उनके पेट में एक जहरीला पदार्थ का इंजेक्शन लगाया। जब मेरे पिता मदद के लिए चिल्लाने लगे तो पड़ोसी दौड़ पड़े। आरोपी बंदूक लहराते हुए मौके से फरार हो गए

65 वर्षीय बीजेपी नेता को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। उन्‍हें डॉक्‍टरों ने अलीगढ़ रिफर किया। उन्‍हें ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। दिव्‍य प्रकाश यादव ने बताया कि मेरे पिता ने मुझे मरने से पहले पूरी घटना के बारे में बताया था। उन्होंने इसमें शामिल आरोपियों की पहचान कर ली थी। यह उससे बदला लेने के लिए की गई एक सुनियोजित हत्या है। गुलफाम सिंह यादव के परिवार में पत्नी, दो बेटे और पांच बेटियां हैं। उन्‍होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद 1976 में बदायूं में आरएसएस के जिला कार्यवाहक के रूप में कार्य शुरू किया था।

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