
शीतला अष्टमी की पूजा हर साल पूरे विधिविधान से की जाती है…. चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है…इस दिन माता शीतला की पूजा की होती है….विशेष बात ये है कि शीतला अष्टमी के दिन देवी मां को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है…साथ ही बासे पानी से जल अर्पित करते हैं… इस दिन बासी भोजन खाने की भी परंपरा है शीतला अष्टमी मुख्य रूप से राजस्थान हरियाणा मालवा और निमाड़ के में मनाया जाता है… शीतला अष्टमी को बासौड़ा या बसियौरा भी कहा जाता है.. इस अवसर पर पूजा करके शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं कार्यों में सफलता पा सकते हैं कुछ उपाय हैं जिससे मनचाहा वरदान पा सकते हैं ..मनोकामना पूरी हो सकती है…..
बिजनेस ठीक नही चल रहा है …उतार चढ़ाव है तो अनजाने भय से बचाये रखने लिए इस दिन नीम के पेड़ में देवी मां के स्वरूप का ध्यान करते हुए पेड़ को प्रणाम करें… उसके बाद रोली-चावल पुष्प से पेड़ की पूजा करनी चाहिए
अगर आप अपनी नौकरी को लेकर कुछ परेशान हैं तो परेशानी से छुटकारा पाने के लिए शीतला अष्टमी के दिन शीतला चालीसा का पाठ करना चाहिए और पाठ करने के बाद देवी मां को पुष्प अर्पित करने चाहिए…
अगर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर करना चाहते हैं और लंबी आयु का वरदान पाना चाहते हैं, तो शीतला अष्टमी के दिन आपको माता शीतला के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- मृणाल तन्तु सदृशीं नाभि हृन्मध्य संस्थिताम्। यस्त्वां संचिन्त येद्देवि तस्य मृत्युर्न जायते।।
जीवन में कड़वाहट है तो मिठास घोलने के लिए शीतला अष्टमी के दिन नीम की 21 कोपलें लेनी चाहिए और उन्हें एक धागे में पिरोकर माला बना लें औऱ उस माला को देवी मां को अर्पित करना चाहिए…
यदि अपनी गलतियों का पश्चताप करना चाहते हैं, तो इस दिन शीतलाष्टक स्तोत्र में दिये गये इस मंत्र का जप करना चाहिए… न मन्त्रो नौषधं तस्य पापरोगस्य विद्यते। त्वामेकां शीतले धात्रीं नान्यां पश्यामि देवताम्।।
घर-परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी के लिए तो शीतला अष्टमी के दिन शीतला मां का ध्यान करते हुए घर पर ही एक आसन बिछाएं… और मंत्र महोद्धि में दिये देवी मां के नौ अक्षरों के मंत्र का जप करना चाहिए… मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः।’ इस मंत्र का कम से कम 1 माला, यानि 108 बार जप करना चाहिए।
जीवनसाथी के साथ अनबन है..रिश्तों में दूरी आ गई है इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए शीतला अष्टमी के दिन घर के बाहर पश्चिम दिशा में नीम का पेड़ लगाना चाहिए और उसकी नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए।
परिवार की खुशहाली के लिए शीतला अष्टमी को देवी के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता। शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नम:।।
कारोबार में कामयाबी हासिल करने के लिए शीतला अष्टमी के दिन दूध-चावल की खीर का देवी मां को भोग लगाना चाहिए… देवी मां को भोग लगाने के बाद बाकी खीर को प्रसाद के रूप में बच्चों में बांट दें …
वन्देSहं शीतलां देवीं सर्वरोग भय अपहाम्। यामासाद्य निवर्तेत विस्फोटक भयं महत्…ये ऐसा मंत्र है यदि स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या है तो शीतला अष्टमी के दिन शीतलाष्टक स्तोत्र के इस मंत्र का जप करना चाहिए…
मां भगवती की कृपा से जीवन में सफलता पाने के लिए शीतला अष्टमी के दिन भगवती शीतला की वंदना करें और उनके इस मंत्र का जप करें मंत्र है- वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम्।। मार्जनी कलशोपेतां सूर्प अलंकृत मस्तकाम्।।
अपने काम में उन्नति मिले ..प्रमोशन हो जाए तो इस कामना के लिए शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता को घी का दीपक जलाकर उनकी आरती करना चाहिए