
नई दिल्ली! मौसम विभाग ने 3 और 4 मार्च को पश्चिमी हिमालयी राज्यों में बारिश और बर्फबारी में बढ़ोतरी की संभावना भी जताई है।
हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में पिछले दो-तीन दिन से जारी बारिश और बर्फबारी से आम लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं। जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, हिमखंड भी गिरे हैं। 2 मार्च यानी आज से उत्तर-पश्चिम भारत में एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से संभावना भी जताई है। वहीं, मौसम विभाग ने पहाणी राज्यों में आज भी बर्फबारी की संभावना भी जताई है। वहीं, दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में बीती रात से ही बारिश हो रही है।
उत्तर भारत में भी आ सकती है तापमान में गिरावट:
अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने के आसार ही नहीं हैं, उसके बाद धीरे-धीरे दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट भी आ सकती है। वहीं, अगले चार-पांच दिनों के दौरान भारत के बाकी हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं बताई है।
मौसम विभाग ने 3 और 4 मार्च को पश्चिमी हिमालयी राज्यों में बारिश और बर्फबारी में बढ़ोतरी की संभावना भी जताई है। पंजाब के तरनतारन जिले के गांव पंडोरी गोला में शनिवार तड़के करीब 5:30 बजे भारी बारिश के कारण एक घर की छत गिरने से एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत भी हो गई। मृतकों में पति-पत्नी और उनके तीन बच्चे शामिल हैं। घटना के समय पूरा परिवार बहुत गहरी नींद में था। वहीं, कांगड़ा, चंबा में खराब मौसम की वजह से दो लोगों की जान भी चली गई है। पालमपुर के जिया में शुक्रवार को भूस्खलन की चपेट में आए युवक की मौत भी हो गई है। 24 घंटे बाद उसका शव मिला है। उधर, चंबा के पांगी में चार दिन पहले पेट दर्द की शिकायत को लेकर भर्ती प्रेम सिंह (58) निवासी शौर की मौत भी हो गई। मरीज को कुल्लू रेफर भी किया गया था। भारी बर्फबारी में हेलिकॉप्टर सेवा ही एकमात्र सहारा था। इससे पहले कि हेलिकॉप्टर की सुविधा मिल पाती, शनिवार सुबह मरीज ने किलाड़ अस्पताल में ही दम तोड़ दिया गया। उधर, पिथौरागढ़ में तवाघाट-लिपुलेख सड़क पर नजंग के पास पहाड़ी से गिरे बोल्डरों की चपेट में आने से एक मजदूर की मौत भी हो गई, जबकि पांच मजदूर घायल भी हो गए। इनमें से एक गंभीर रूप से घायल भी है। घटना शनिवार दोपहर 1:30 बजे हुई है। बारिश और बर्फबारी के चलते भूस्खलन होने से उत्तराखंड में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया है। अधिकारियों ने बताया है कि कर्णप्रयाग के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी मलबा भी गिरा है।
हिमाचल में भूस्खलन की चपेट में आए मकान:
हिमाचल प्रदेश में ही 480 सड़कें भी बंद हैं और 2,000 से अधिक बिजली के ट्रांसफॉर्मर भी ठप से पड़ गए हैं। जल आपूर्ति की लाइन भी बाधित पड़ी हुई है। वहीं, खराब मौसम के चलते आठ लोगों की जान भी चली गई, जिनमें पंजाब के पांच लोग एक ही परिवार के थे हिमाचल में खराब मौसम और भारी हिमपात के चलते लाहौल का मनाली से सड़क संपर्क भी कट गया है। कुल्लू में भूस्खलन की चपेट में दो मकान भी आ गए। शनिवार दोपहर और देर शाम शिमला में फिर बादल भी बरसे। चीन से लगती सीमा को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे-5 निगुलसेरी के पास बर्फबारी और भूस्खलन के कारण करीब 12 स्थानों पर बाधित भी हुई है। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से किन्नौर का सड़क संपर्क शनिवार को ही चौथे दिन भी कटा रहा। मनाली-केलांग एनएच-3, एनएच-305 आनी-कुल्लू जलोड़ी दर्रा होकर भी बंद हुए है। चंबा के भरमौर में जगत पंचायत के घटौर नाला में हिमखंड भी गिरा। हालांकि, इससे किसी तरह का नुकसान भी नहीं हुआ है।
कुल्लू के साथ लगते शास्त्रीनगर नाले में अचानक पानी बढ़ने से दो घरों का आधा हिस्सा भी ढह गया। अटल टनल होकर केलांग-मनाली के बीच आवाजाही शनिवार को भी बंद रही। टेलीफोन और इंटरनेट सेवा बंद होने से दुर्गम क्षेत्रों में संपर्क भी स्थापित नहीं हो पा रहा है। कुल्लू-मनाली एनएच पर रायसन में 14 मील क्षेत्र के पास पहाड़ी से पत्थर भी गिर रहे हैं। पतलीकूहल-पनगां मार्ग पर भी पत्थर गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग हल्के वाहनों के लिए खोला
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 270 किमी लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को दो दिन बाद शनिवार को हल्के वाहनों के लिए ही खोला गया है, जिससे रास्ते में फंसे हजारों लोगों ने राहत की भी सांस ली है। रामबन जिले में भारी बर्फबारी और कई जगह पहाड़ से मलबा गिरने की वजह से बृहस्पतिवार की शाम को राजमार्ग को बंद भी कर दिया गया था। मौसम में सुधार के बाद भी राजमार्ग को अभी भारी वाहनों के लिए भी नहीं खोला जा सका है। अधिकारियों का भी कहना है कि हालात का आकलन करने के बाद भारी वाहनों के लिए राजमार्ग को खोलने पर फैसला भी किया जाएगा। वहीं, एसएसजी रोड, भद्रवाह-चंबा रोड, मुगल रोड, सिंथन रोड,बांदीपोरा-गुरेज, कोकरनाग-किश्तवाड़, श्रीनगर-कारगिल मार्ग अभी तक बंद हैं। यातायात पुलिस ने भूस्खलन के खतरे को देखते हुए अभी जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर रात में सफर करने से बचने की सलाह भी दी है।