होलिका की परिक्रमा से होगी हर कामना पूरी


बेहद शुभकारी होती हैं होलिका की लपटें …होलिका की परिक्रमा से हर कामना पूरी होती है…उपलों के जलने से हर चिंता से मुक्ति मिलती है औऱ होली की अग्नि दिलाती है मनचाहा वरदान……होलिका की पवित्र अग्नि में हर मुश्किल जलकर खाक हो जाती है… और हर कामना को मिलता है पूर्ण होने का आशीर्वाद…होली के रंग बिखरें इससे पहले जलाई जाती है होली…होली में रंगों की मस्ती के साथ-साथ होलिका दहन का भी महत्व होता है….नये साल की शुरूआत होती है माह चैत्र से और अंतिम माह फागुन से पुराने वर्ष की विदाई होती है…. सर्दी जा रही होती है और गर्मी के आने की आहट होने लगती है प्रकृति के नज़रिये से ये मास बेहद महत्वपूर्ण है हिंदू पंचाग के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है इस दिन होलिका पूजन कर शाम के समय होलिका दहन किया जाता है… झाड़ लकड़ियां इकट्ठी कर खास साज-सजावट के साथ होलिका बनाई जाती है….होलिका दहन के समय दहकती हुई होली की परिक्रमा कर लोग मन की मुरादें मांगते हैं….इस साल भद्रा का साया है इसलिए शुभ मुहूर्त 11 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा….और 14 मार्च को रात्रि में 12 बजकर 30 मिनट पर मुहूर्त का समापन होगा….
…पुराने साल की सभी बुराईयों और कड़वी यादों को होलिका की अग्नि में जलाकर नये साल की सुंदर शुरूआत की जाती है….इसी प्रतीक के रूप में हम होलिका दहन करते हैं…..वैसे तो होलिका दहन की सबसे प्रचलित कथा है भक्त प्रह्लाद और बुआ होलिका की…..बेटे भक्त प्रह्लाद की विष्णु भक्ति से परेशान हिरणाकश्यप ने उसे कई तरह से दण्ड देने की कोशिश की लेकिन पिता के हर वार और हर प्रहार से वे बचते चले गये….अंत में बहन होलिका की मदद से प्रहलाद को जलाने की योजना बनाई गई..लेकिन इसमें होलिका ही जलकर खाक हो गई….और भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद की फिर जीत हुई….और पाप शक्तियां फिर हार गईं… सारी मुश्किलें अग्नि में जलकर स्वाहा हो गईं….. और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई….यही है होलिका की शुभता का प्रतीक…जो जीवन की नकारात्मकता को दूर करती है…..

ऐसी मान्यता है कि यदि विधिविधान से होलिका दहन की पूजा परिक्रमा और प्रसाद अर्पित किया जाये तो खाली झोली भरने में देर नहीं लगती….यदि आप लंबी बीमारी से परेशान हैं या विरोधियों ने बढ़ा दी है आपकी चिंता तो इस बार होली में लपटों में आपकी समस्त चिंता जलकर खाक हो सकती है…..ऐसा मानते हैं होलिका की परिक्रमा करते समय अपनी इच्छा कह दी तो वह जरूर पूरी हो जाती है…..सुख समृद्धि की दरकार हो या फिर करनी हो देश-विदेश की यात्रा….सवाल नई नौकरी का हो या फिर या फिर मनचाहे विवाह का…तो जान लीजिए होलिका दहन का विधिविधान और भर लीजिए अपने सपनों में रंग…..

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