इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुई महाभारत

विभागाध्‍यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर के बीच मारपीट से हर कोई भयभूत

अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार शर्मा और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमार पराग के बीच जमकर लात और घूंसे चले। दोनों शिक्षकों ने एक दूसरे के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय में चर्चाओं का दौर जारी है। लोग इस बात पर हैरान हैं कि शिक्षकों के बीच इस तरह की मारपीट कैसे हो सकती है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दोपहर एक अप्रत्याशित घटना घटी। अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष और एक एसोसिएट प्रोफेसर के बीच जमकर मारपीट हो गई। दोनों ने एक दूसरे पर जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कर्नलगंज कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है। इस घटना ने विश्वविद्यालय परिसर में सनसनी फैला दी है। हर कोई इस बारे में बात कर रहा है.
विभागाध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार शर्मा और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमार पराग के बीच हुई मारपीट की खबर से हर कोई दंग है। दोनों ने पुलिस को दी गई शिकायत में एक दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। वही उनके बीच हाथापाई हुई थी। छात्रों की तरह शिक्षकों के बीच हुई इस मारपीट को लेकर कैंपस में खूब चर्चा हो रही है
प्रो. सुशील कुमार शर्मा ने पुलिस को कहा कि उन्होंने डॉ. कुमार पराग को विभागीय कार्यवाही के लिए बुलाया गया था। डॉ. पराग गुस्से में आ गए और वही गाली देने लगे। डॉ. पराग ने जान से मारने की नीयत से लोहे की रॉड से हमला किया गया। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि डॉ. पराग ने उनकी सोने की चेन और रुद्राक्ष की माला छीन ली गयी। हमले में उनके सिर और सीने पर गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें लात-घूंसे से पीटा गया है जिससे वह बेहोश हो गए थे जब उन्हें होश आया तो उन्होंने खुद को बेली अस्पताल में पाया था। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया है। प्रो. सुशील कुमार शर्मा इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय की कार्य परिषद के सदस्य भी हैं।
वहीं, डॉ. कुमार पराग का बोलना है कि विभागाध्यक्ष ने उन्हें गालियां दीं और जान से मारने की कोशिश की। उन्होंने पुलिस को बताया कि प्रो. शर्मा ने उनका गला दबाया। बचाव करने में उनकी उंगली में फ्रैक्चर हो गया और उन्हें कई जगह चोटें आई हैं। प्रो. सुशील कुमार शर्मा ने उन्‍हें एक छुट्टी के आवेदन पर बात करने के लिए बुलाया गया था। डॉ. पराग के अनुसार, विभागाध्यक्ष उनके जवाब से सहमत नहीं थे और उन्हें गालियां देने लगे थे। जब उन्होंने विरोध किया, तो प्रो. शर्मा ने उनका हाथ पकड़कर मरोड़ दिया था, जिससे उनकी उंगली टूट गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रो. शर्मा ने उनकी शर्ट फाड़ दी और जान से मारने की धमकी दी.
डॉ. पराग ने बताया कि वह किसी तरह वहां से बचकर विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेली अस्पताल भेजा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि बेली अस्पताल में पहले से ही सीनियर प्रोफेसर मौजूद थे। वहां कई और शिक्षकों और छात्रों ने उन पर डंडे से जानलेवा हमला किया। उन लोगों ने उनका अस्पताल का पर्चा भी फाड़ दिया। इसके बाद डॉ. पराग एक प्राइवेट अस्पताल गए और उंगली में प्लास्टर करवाया।
कर्नलगंज थाना प्रभारी पीके सिंह ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली है और मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है। इसके साथ ही जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय में चर्चाओं का दौर जारी है। लोग इस बात पर हैरान हैं कि शिक्षकों के बीच इस तरह की मारपीट कैसे हो सकती है। कुछ लोगों का कहना है कि यह घटना ऑटा की नई कार्यकारिणी के गठन के बाद हुए विवाद का नतीजा है। ऑटा की नई कार्यकारिणी के गठन के बाद इविवि के शिक्षक दो गुटों में बंट गए हैं। पुरानी कार्यकारिणी ने नई कार्यकारिणी को अवैध बताते हुए कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा था।
वहीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रो. जया कपूर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में आंतरिक जांच कराएगा। विस्तृत जानकारी मिलने के बाद ही इस मामले पर कुछ कहा जा सकता है

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