मनीष कश्यप पर नीतीश की पुलिस ने की कार्रवाई

5 साल के लिए जाएंगे अंदर

भाजपा नेता मनीष कश्यप छपरा जाने से पहले पार्टी से इस्तीफा देंगे। सारण जिला प्रशासन ने 11 यूट्यूब चैनल पेज पर एफआईआर दर्ज की है। मनीष कश्यप का नाम भी इसमें शामिल है। इन पर एकपक्षीय खबरें चलाने का आरोप है। आइये जानते हैं कि किन-किन धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।

भाजपा नेता मनीष कश्यप जल्द ही छपरा जाने वाले हैं। लेकिन छपरा जाने से पहले वो भाजपा से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भाजपा ज्वाइन की थी। दरअसल, सारण जिला प्रशासन ने 11 यूट्यूब चैनल पर एफआईआर दर्ज की है। इन चैनलों पर एकतरफा खबरें चलाने का आरोप है। इन चैनलों में मनीष कश्यप का नाम भी शामिल है। सारण पुलिस की साइबर सेल ने इन सोशल मीडिया पेजों पर कार्रवाई की है। इस मामले में कुछ लोगों को अज्ञात भी रखा गया है। मनीष कश्यप पर भारतीय न्याय संहिता बीएनएस की कुछ धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है।

सारण जिला प्रशासन ने एक विज्ञप्ति जारी की है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि सारण साइबर थाने ने सोशल मीडिया पर निगरानी रखी। निगरानी के दौरान पाया गया कि कुछ लोग बिना लाइसेंस के सोशल मीडिया और फेसबुक पर पोस्ट डाल रहे हैं। ये लोग खबरों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। वे भ्रामक और एकतरफा खबरें फैला रहे हैं। साथ ही, फेक न्यूज और झूठी बातें भी फैला रहे हैं।

प्रशासन के मुताबिक, इन मीडिया चैनल के झूठी खबरों से शांति भंग हो सकती है। इससे कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती पैदा हो सकती है। समाज में अराजकता और अव्यवस्था फैल सकती है। सामाजिक शांति भंग हो सकती है। इसलिए, 11 सोशल मीडिया प्रोफाइल/पेज और कुछ अज्ञात चैनलों पर साइबर थाना में केस दर्ज किया गया है। यह केस 25 मार्च 2025 को दर्ज किया गया था। केस संख्या 85/25 है। इन पर धारा 353 (1) (बी), 352 (2) बीएनएस और 67 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

यह धारा तब लगती है जब कोई सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ऐसी सामग्री फैलाता है जिससे समाज में अशांति, डर या नफरत पैदा हो।
सजा: इस अपराध के लिए 3 वर्ष तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

यह धारा तब लगती है जब कोई आपराधिक धमकी देता है। यानी किसी को डराने या नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है।
सजा: इस अपराध के लिए 2 वर्ष तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

यह धारा तब लगती है जब कोई इंटरनेट या सोशल मीडिया पर अश्लील, आपत्तिजनक या गैरकानूनी सामग्री फैलाता है।

सजा: पहली बार अपराध करने पर 3 वर्ष तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। दूसरी बार या बार-बार अपराध करने पर 5 वर्ष तक की जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है।

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