नेपाल में राजशाही समर्थक आंदोलन के कारण हालात गंभीर

काठमांडू में तैनात की गई सेना

नेपाल में राजशाही को बहाल करने के लिए शुरू हुआ आंदोलन विकराल रूप से ले चुका है। राजशाही समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा शुरू हो गई। राजधानी काठमांडू में राजशाही समर्थकों पर काबू पाने के लिए सरकार ने सेना की तैनाती का आदेश दिया है।

नेपाल में राजशाही समर्थक आंदोलन भयानक रूप ले रहा है। राजशाही समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के बाद हालात खराब हो गए हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू में सेना को बुलाया गया है और कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके पहले हिंसक झड़प में एक टीवी कैमरामैन समेत दो लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। नेपाल में साल 2008 में खत्म हुई राजशाही को फिर से बहाल करने की मांग करते हुए पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के समर्थक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बीच नेपाल के वाम मोर्च ने एक रैली की है और पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र को चेतावनी दी कि सिंहासन को फिर से प्राप्त करने की उनकी महत्वाकांक्षा उनके के लिए महंगी साबित हो सकती है। इस रैली को पूर्व प्रधानमंत्रियों पुष्प कमल दहल प्रचंड और माधव कुमार नेपाल समेत नेताओं ने संबोधित किया। रैली में वाम मोर्चे ने राजशाही समर्थक ताकतों के फिर से उभरने के लिए केपी शर्मा ओली की सरकार को जिम्मेदार ठहराया और इसे उनके कुशासन का परिणाम बताया।

इसके पहले सुबह से ही राजशाही समर्थक तिनकुने में जमा होना शुरू हो गए थे। सुबह करीब 11:30 प्रदर्शनकारियों की भीड़ मार्च शुरू किया और संसद भवन की ओर बढ़ने लगी, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। झड़प की शुरुआत तब हुई जब पुलिस ने मंच पर आंसू गैस के गोले दागे, जहां राजशाही समर्थक आंदोलन के संयोजक 87 वर्षीय नवराज सुबेदी और अन्य वरिष्ठ नेता बैठे थे। गोले दागे जाने से सुबेदी घायल हो गए, जिसके बाद समर्थक दौड़ पड़े।
इसके बाद वहां झड़प शुरू हो गई। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को भी आग लगा दी और दुकानों में लूटपाट कर दी। एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला किया गया। इसके बाद सेना को बुलवाया गया, जबकि कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया। घटना में एक चैनल के लिए रैली को कवर कर रहे कैमरामैन सुरेश रजक की भी मौत हो गई। जिले के प्राधिकारियों ने बताया कि कर्फ्यू करीब पांच घंटे यानी रात 10 बजे तक लागू रहेगा और कुछ इलाकों में किसी को भी घूमने-फिरने की इजाजत नहीं होगी।

अधिकारियों ने कहा है कि दो लोगों की मौत हुई है, वही जबकि 30 लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा कि घायल होने वाले लोगों में से आधे पुलिसकर्मी हैं। झड़प के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने एक घर को जला दिया, आठ वाहनों को आग लगा दी। बाणेश्वर में सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट्स पार्टी के कार्यालय पर हमला किया गया, चाबाहिल में भटभटेनी सुपरमार्केट को लूट लिया गया और कांतिपुर टेलीविजन तथा अन्नपूर्णा पोस्ट अखबार के कार्यालयों में तोड़फोड़ भी की।
काठमांडू जिला प्रशासन ने शांतिनगर पुल और मनोहरा नदी पुल के बीच के क्षेत्र कोटेश्वर, तिनकुने, हवाई अड्डा क्षेत्र, बाणेश्वर चौक और गौशाला में कर्फ्यू की घोषणा की गयी। अधिकारियों ने बताया कि अगर लोग अपना टिकट दिखाएंगे तो उन्हें हवाई अड्डे तक जाने की अनुमति दी जाएगी। राजतंत्र समर्थकों ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें और राष्ट्रीय ध्वज लेकर तिनकुने क्षेत्र में प्रदर्शन किया, जिसके कारण पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई।

Related Posts

पहलगाम के मास्टर माइंड मुनीर के साथ ट्रंप ने किया लंच, ऐसे लिखी गई मुलाकात की पटकथा

इस्लामाबाद. पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस (White House) में हुई मुलाकात और साथ में लंच अंतरराष्ट्रीय…

ये होंगे भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष ! इस दिन लगेगी मुहर

10 राज्यों में भी बदला जाएगा भाजपा का संगठन, बदलाव की तैयारी तेज भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है. सूत्रों के…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!