
हिंदू धर्म में भगवान श्री राम का जन्म रामनवमी के दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है ।इस वर्ष 2025 में यह 6 अप्रैल रविवार को मनाया जा रहा है ।
रामनवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल रविवार को
सुबह 11:08 से दोपहर 1:39 तक का है ।यह समय अवधि 2 घंटे 31 मिनट की रहेगी।
मान्यता के अनुसार भगवान श्री राम का जन्म दोपहर में 12:00 हुआ था। इसलिए 12:34 का समय विशेष रूप से फलदाई और शुभ माना जाता है। इस समय पूजन और अभिषेक करने से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है ।रामनवमी के दिन रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। रवि योग पूरे दिन रहेगा ऐसे में किसी भी समय पूजा पाठ ,जप और अन्य शुभ काम करने से, नए व्यवसाय का उद्घाटन करने से ,गृह प्रवेश करने से बहुत ही शुभ कार्य होता है।
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:34 से 5:20 तक है ।
विजय मुहूर्त दोपहर में 2:30 बजे से 3:20 तक है ।
शाम को 6:41 से 7:03 तक है।
रात को 12:00 बजे से 12:46 तक निशीत काल का मुहूर्त है ।
इस दिन श्री राम के विभिन्न मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व होता है ।ओम श्री रामचंद्राय नमः ।
ओम राम रामाय नमः।
इसके बाद दोपहर में 11:07 से दोपहर 12:39 तक रहेगा।
इस दिन व्रत ,उपवास, भक्ति ,कीर्तन, पूजन और मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों में वर्णित है कि राम नाम का स्मरण से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस वर्ष रामनवमी के दिन तीन शुभ संयोग बन रहे हैं ।इन शुभ संयोग में पूजन का महत्व है ।
1..रामचरितमानस, राम रक्षा स्त्रोत या राम नाम का भजन करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में सुख शांति का वातावरण रहता है।
2..रामनवमी के अवसर पर घर में अखंड दीप जलाना अत्यंत शुभ होता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है ।
3..गरीबों को वस्त्र अन्न और आवश्यक वस्तुओं का दान करने से जीवन में भाग्य का साथ मिलता है ।
4..इस दिन हनुमान चालीसा सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करने से सभी प्रकार के संकट और कष्ट दूर होते हैं। जीवन में सफलता प्राप्त होती है ।
5..इस दिन में माता-पिता और गुरुजनों का आशीर्वाद लेने से जीवन सुखमय होता है। कष्ट दूर होते हैं।
मंत्रों का जाप कैसे करें ।
स्नान करके पूजा के पास आसन लगाकर दीप जलाकर श्री राम की मूर्ति रखकर तुलसी की मात्रा या रुद्राक्ष की माला से मंत्रों का जाप करें।
1..श्री राम जय राम जय जय राम *
यह कीर्तन का एक स्वरूप है इसे बार-बार जपने से मन में आत्मविश्वास बढ़ता है ।
2..राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्रनाम तत्तुल्यम राम नाम वरानने।।
इस मंत्र के जाप से हमारी मनोकामना पूर्ण होती है। यह श्री राम नाम के सहस्त्रनाम के बराबर फल देने वाला माना गया है ।
3..विवाह में रुकावटें आ रही हैं तो इस शुभ दिन रामायण या सुंदरकांड का पाठ करें ।हनुमान जी की आराधना करें और 108 बार ओम नमो हनुमते नमः का जाप करें ।इससे खराब ग्रह मजबूत होते हैं और अच्छे फल देना प्रारंभ कर देते हैं।