
21,000 अभ्यर्थी शामिल, सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य परीक्षा रद्द करने की याचिका खारिज की, PT को लेकर भी रहा विवाद
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगी मुख्य परीक्षा का पहला दिन 25 अप्रैल 2025 को शुरू हुआ। इस परीक्षा में करीब 21,000 अभ्यर्थी शामिल हुए, जो प्रारंभिक परीक्षा (PT) में सफल होने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए क्वालिफाई किए थे। यह परीक्षा 25 से 30 अप्रैल तक चलेगी और बिहार के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जा रही है। हालांकि, इस परीक्षा को लेकर कई विवाद भी सामने आए हैं, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा में कथित पेपर लीक और नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
BPSC 70वीं मुख्य परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 23 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसके बाद मुख्य परीक्षा तय समय पर शुरू हो सकी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ताओं के दावों में कोई ठोस आधार नहीं है और परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करने का कोई औचित्य नहीं है। इस फैसले के बाद BPSC ने राहत की सांस ली, लेकिन अभ्यर्थियों के बीच असंतोष अब भी बरकरार है।

इसके अलावा, पटना हाई कोर्ट ने भी 16 जनवरी 2025 को 70वीं प्रारंभिक परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और परीक्षा परिणाम जारी करने की अनुमति दी थी।
प्रारंभिक परीक्षा (PT) को लेकर विवाद
BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा, जो 13 दिसंबर 2024 को आयोजित हुई थी, कई विवादों से घिरी रही। अभ्यर्थियों ने पेपर लीक और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। खास तौर पर पटना के बापू परीक्षा भवन में हुए पेपर लीक के आरोपों के बाद BPSC ने उस केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी थी। इसके बाद अभ्यर्थियों ने पेपर लीक के आधार पर पूरी प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग की और इसके खिलाफ कई दिनों तक प्रदर्शन किए।
29 दिसंबर 2024 को पटना के गांधी मैदान में हजारों अभ्यर्थियों ने “छात्र संसद” के तहत विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पेपर लीक और नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ नारेबाजी की गई। इसके अलावा, 6 दिसंबर 2024 को प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके बाद इस मुद्दे ने और तूल पकड़ा। शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता खान सर ने भी अभ्यर्थियों का समर्थन करते हुए BPSC की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।
मुख्य परीक्षा का आयोजन
मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले 21,000 अभ्यर्थियों के लिए बिहार के प्रमुख शहरों में सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। BPSC ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
परीक्षा केंद्रों पर जैमर: पेपर लीक की आशंका को खत्म करने के लिए सभी केंद्रों पर जैमर लगाए गए हैं।
CCTV निगरानी: प्रत्येक परीक्षा कक्ष में CCTV कैमरे लगाए गए हैं, और उनकी रिकॉर्डिंग की निगरानी की जा रही है।
पुलिस तैनाती: केंद्रों के बाहर और आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
परीक्षा में सामान्य अध्ययन (GS), निबंध, और वैकल्पिक विषयों के पेपर शामिल हैं। अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वे अपने एडमिट कार्ड और पहचान पत्र साथ लाएं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर BPSC 70वीं मेंस एग्जाम को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और इसे BPSC की प्रक्रिया पर भरोसा जताने वाला कदम बताया। एक यूजर ने लिखा, “सुप्रीम कोर्ट ने सही फैसला लिया। अब मेहनती अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा।”
हालांकि, कई यूजर्स ने अब भी पेपर लीक और नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे पर नाराजगी जताई। एक यूजर ने लिखा, “मुख्य परीक्षा शुरू हो गई, लेकिन PT में हुई गड़बड़ी का जवाब कौन देगा? BPSC को पारदर्शिता लानी होगी।” कुछ ने खान सर के समर्थन में पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने BPSC की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
BPSC और सरकार की प्रतिक्रिया
BPSC ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि प्रारंभिक परीक्षा में केवल एक केंद्र पर गड़बड़ी हुई थी, जिसे तुरंत रद्द कर दिया गया। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी और इसे विशेषज्ञों की देखरेख में लागू किया गया था।
बिहार सरकार ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी और कहा कि परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सरकार ने अभ्यर्थियों से शांति बनाए रखने और परीक्षा में ध्यान देने की अपील की है।
आगे की प्रक्रिया
मुख्य परीक्षा के बाद सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जिसके बाद अंतिम मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। BPSC 70वीं परीक्षा के माध्यम से बिहार प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, और अन्य विभागों में विभिन्न पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।
हालांकि, प्रारंभिक परीक्षा को लेकर उठे विवादों के कारण कई अभ्यर्थी अभी भी असंतुष्ट हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि BPSC को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे, जैसे कि पेपर लीक की आशंका को खत्म करने के लिए डिजिटल सॉल्यूशन अपनाना।