
खुफिया एजेंसियों का दावा- राशन-पानी के साथ पहाड़ों में लंबे समय तक रह सकते हैं
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद खुफिया एजेंसियों ने बड़ा खुलासा किया है। हमला करने वाले आतंकी अभी भी कश्मीर के घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में छिपे हुए हैं। एजेंसियों के मुताबिक, इनके पास पर्याप्त मात्रा में राशन, पानी और अन्य जरूरी सामान है, जिससे वे लंबे समय तक छिपकर रह सकते हैं। इससे सुरक्षाबलों के लिए उन्हें पकड़ना एक बड़ी चुनौती बन गया है।खुफिया सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले इलाके की अच्छी तरह रेकी की थी। वे स्थानीय भूगोल से वाकिफ हैं और जंगलों की आड़ में लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये आतंकी पीर पंजाल रूट के जरिए दो हफ्ते पहले कश्मीर में दाखिल हुए थे। हमले में शामिल एक स्थानीय आतंकी की भी पहचान हुई है, जिसका नाम फारुख अहमद बताया जा रहा है। वह लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर के साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय था।सुरक्षाबल कुपवाड़ा और पहलगाम के जंगलों में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। एनआईए और अन्य एजेंसियां आतंकियों के ठिकानों का पता लगाने के लिए स्थानीय मुखबिरों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। हालांकि, आतंकियों के पास रसद और हथियारों की उपलब्धता के कारण ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं। खुफिया एजेंसियों ने यह भी आशंका जताई है कि आतंकियों ने हमले से पहले तीन अन्य पर्यटन स्थलों की रेकी की थी, जिससे भविष्य में और हमलों का खतरा बना हुआ है।प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है। साथ ही, पर्यटकों को भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। सुरक्षाबलों का कहना है कि आतंकियों को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।