
कौन हैं वैभव सूर्यवंशी ?
ऐसा कभी हुआ है कि आपने पहली गेंद पर छक्का मार दिया हो [क्या ऐसा कभी हुआ है कि आपने पहली ही गेंद पर छक्का मार दिया हो]?
वैभव सूर्यवंशी को यह सवाल – अपने आईपीएल डेब्यू से बहुत पहले – राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के एक साथी खिलाड़ी से फ्रैंचाइज़ी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में पूछते हुए देखा गया है। 19 अप्रैल को, 14 वर्षीय इस खिलाड़ी ने यह सपना तब साकार किया जब उन्होंने आईपीएल डेब्यू पर अपनी पहली गेंद पर शार्दुल ठाकुर को एक्स्ट्रा कवर फेन के ऊपर से फ्लैट-बैट किया ।
वैभव के लिए पिता ने खेत तक बेच दिया, ट्रेनिंग के लिए हर दूसरे दिन करते थे 240 किमी आना-जाना
करीब 4 से 5 साल पुरानी बात है। पटना की जेन नेक्स्ट अकादमी में एक पैक्टिस मैच आयोजित गया था। एक तरफ अंडर-19, 23 के स्टेट प्लेयर थे, दूसरी तरफ अकादमी के स्टूडेंट्स।
इसमें वैभव सूर्यवंशी ने ओपनिंग की थी। मैच में उन्होंने 118 रन बनाए, जिसमें करीब 10 छक्के शामिल थे। इसमें भी सभी छक्के करीब 80 से 85 मीटर की दूरी के थे। वैभव के उस प्रदर्शन को देखकर कोच मनीष ओझा को यह विश्वास हो गया था कि यह खिलाड़ी भविष्य का सितारा है।
करीब साढ़े 8 से 9 साल की उम्र में वैभव के पिता उन्हें कोच मनीष ओझा के पास लेकर पहुंचे थे। मनीष बताते हैं कि उस उम्र में रोबोआर्म श्रोअर से 130 से 135 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आई गेंद को वैभव बड़ी आसानी क्रिकेटिंग शॉट में बदल देते थे। प्रैक्टिसं के दौरान वैभव रोज 400 से 500 गेंदें खेलते थे।
हालांकि वैभव का यहां तक का सफर संघर्ष भरा रहा। पिता खेती करने के साथ एक दुकान चलाते थे। बेटे को प्रैक्टिस कराने और कोचिंग का खर्च उठाने के लिए उन्हें खेत तक बेचना पड़ा। उन्होंने दुकान पर बैठना बंद कर दिया। एक साक्षात्कार में वैभव बताते हैं कि वे कभी भी टी20 या वनडे फॉर्मेट को अलग से सोचकर नहीं खेलते बल्कि वे देखते हैं कि गेंद किस तरह से आ रही है। जब उन्हें लगता है कि गेंद को हिट किया जा सकता है वह उसे हिट कर देते हैं, फिर फार्मेट चाहे जो हो। वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रॉयन लारा वैभव सूर्यवंशी के सबसे. पसंदीदा क्रिकेटर हैं।
चर्चा में क्यों-
आईपीएल में 14 वर्ष 23 दिन की उम्र में डेब्यू किया है। टी-20 सेंचुरी बनाने वाले सबसे कम उम्र खिलाड़ी बने हैं।
परिवार:
वैभव का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के मोतीपुर गांव में संजीव और सुनीता सूर्यवंशी के घर हुआ था। पिता संजीव खेती करते हैं। युवावस्था में अच्छा क्रिकेट खेलते थे, लेकिन क्रिकेटर नहीं बन सके। संजीव बताते हैं कि 4 साल की उम्र से ही वैभव में क्रिकेट के प्रति लगाव दिखने लगा था। तभी बेटे को क्रिकेटर बनाने का निर्णय कर लिया था।
मां रात 3 बजे वैभव के लिए खाना बनाती थी ।
वैभव ट्रेनिंग के लिए समस्तीपुर से करीब 120 किमी दूर पटना में जेन नेक्स्ट क्रिकेट अकादमी में जाते थे। सुबह 7.30 बजे पहुंचने के लिए उन्हें घर से जल्दी निकलना होता था। ऐसे में मां रात 3 बजे उठकर नाश्ता, खाना बनाने के साथ ही कपड़े, किट सब तैयार करती। इसके बाद पिता संजीव उन्हें पटना लेकर जाते। एक दिन बाद दूसरे दिन फिर यही दिनचर्या।
आईपीएल में वैभव सूर्यवंशी के डेब्यू पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते करते हुए कहा था कि ‘8वीं के बच्चे को आईपीएल खेलते देखने के लिए उठा, क्या शानदार डेब्यू किया है’
जन्म : 27 मार्च 2011 (14 वर्ष), समस्तीपुर, बिहार
शिक्षा: अभी 8वीं कक्षा में
परिवार: पिता- संजीव सूर्यवंशी,
मां- आरती, दो भाई
करियर:
13 की उम्र में अंडर-19, 14 में आईपीएल सेंचुरी!
वैभव ने जनवरी 2024 में 12 साल 284 दिन की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया। उसी साल 13 की उम्र में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ शतक जमाया। 2025 के आईपीएल ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.1 करोड़ रुपए में खरीदा। लखनऊ के खिलाफ मैच की पहली गेंद पर छक्का मारा। इसके बाद गुजरात टाइटंस के खिलाफ शतक जड़ दिया।
रोचक : सही उम्र का पता लगाने के लिए उनका बोन टेस्ट भी कराया जा चुका है
खास : कोरोना काल में पिता ने घर पर ही बनाया प्रैक्टिस ग्राउंड
उनके शुरुआती कोच बृजेश ओझा का दावा है कि वैभव स्थानीय स्तर पर एक सीजन में 40 शतक तक जमा चुके हैं।
कोरोना काल में जब हर तरफ पाबंदी थी तब पिता संजीव ने घर के पास ही नेट प्रैक्टिस के लिए विशेष ग्राउंड बनाया ताकि उनकी क्रिकेट प्रैक्टिस प्रभावित न हो।
उपलब्धि: सबसे कम उम्र के लिस्ट ए क्रिकेटर हैं वैभव
नवंबर 2024 में राजस्थान के खिलाफ बिहार की तरफ से 13 साल 241 दिन की उम्र में डेब्यू करने वाले सबसे युवा टी20 खिलाड़ी हैं। विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 में 13 साल 269 दिन में मध्य प्रदेश के खिलाफ डेब्यू किया। सबसे कम उम्र के लिस्ट ए क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं।
विवाद भी गहराया: सही उम्र पर सवाल, कोच ने दी क्लीन चिट!
हालांकि कुछ लोग उनकी सही उम्र को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस पर कोच मनीष ओझा का कहना है कि उन्हें बीसीसीआई से क्लीन चिट मिल चुकी है। बोर्ड ने वैभव को उस एज ग्रुप में खेलने की अनुमति दी है। इतना ही नहीं उनका बोन टेस्ट भी हो चुका है। यहां से भी क्लीयरेंस मिल चुकी है।