
वृक्ष है तो कल है का संदेश हम अक्सर सुनते रहते हैं……लेकिन ऐसे ही संदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं राजधानी भोपाल में….क्योंकि एक ऐसा फरमान….एक ऐसा आदेश जिसने भोपाल की जनता को लहूलुहान कर दिया….जीहां…भोपाल में 8 हजार पेड़ो की कटाई के आदेश जारी हुए हैं…. दरअसल राजधानी भोपाल के अयोध्या नगर से रत्नागिरी तक लंबा नया बाइपास बनाया जाएगा, जिसके लिए 8000 से ज्यादा पेड़ों को काटे जाने की योजना है। सड़क चौड़ीकरण मुख्य मकसद ट्रैफिक कंट्रोल करना और लोगों को जाम से मुक्ति दिलाना है, लेकिन हजारों की पेड़ों को काटकर सड़क चौड़ीकरण का विरोध तेज हो गया है। सरकार के इस फैसले के विरोध में लोग एकजुट हो गए हैं, लोग पेड़ों को बचाने की मांग कर रहे हैं। लोगों ने सरकार से पेड़ों का काटने का फैसला वापस लेने की मांग की है।जिसके खिलाफ भोपाल के लोगो का बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है…… भोपाल के लोग इस फैसले के विरोध में हैं….जहां रत्नागिरी तिराहे से आशाराम नगर तक प्रस्तावित सड़क के चौड़ीकरण योजना के चलते …8000 पेड़ों की कटाई होनी है…जिसे लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने सर्विस लेन के अलावा दो और लेन की सफाई के लिए 20 गाड़ियां बुलाई हैं.. इनमें JCB, DUMPER से लेकर पेड़ को उखाड़ने वाली बड़ी

MACHINERIES भी शामिल हैं.. पत्थर तोड़ने से लेकर मलबे को बाहर फेंकने के लिए इन गाड़ियों को बुलाया गया है.. जिसकी GIS MAPPING और ठेके पर इंजीनियर्स की नियुक्ति की जा रही है…आपको बता दें कि इसके विरोध में ही रविवार को शहरवासियों ने एकजुट होकर पर्यावरण बचाने की मुहिम शुरू की..इस मुहिम के चलते शाम 5:30 बजे बड़ी संख्या में लोग रत्नागिरी तिराहे पर पहुंचे और पेड़ों को रक्षासूत्र बांधकर उन्हें बचाने का संकल्प लिया.. लोगों का कहना है एक तरफ सरकारी स्तर पर पोधे लगाकर पर्यावरण पर्व मनाया जाता है, वहीं दूसरी तरफ सरकार विकास के नाम पर अंधाधुंध पेड़ों की कटाई कर रही है। बड़े वृक्षों की कटाई से ना सिर्फ तापमान में वृद्धि हो रही है, बल्कि बीमारियों में इजाफा और भूमिगत जलस्तर में गिरावट जैसी समस्याएं भी सामने आ रही हैं….बहरहाल भोपाल 8000 पेड़ काटकर सड़क चौड़ीकरण की योजना का विरोध तेज हो गया है…शहर के बाग मुगालिया एक्सटेंशन, कटारा हिल्स और आसपास के रहवासी, महिलाएं, बच्चे और युवा पेड़ों को बचाने के लिए सड़कों पर आ चुके हैं। इनका कहना है कि विकास जरूरी है, लेकिन पेड़ों की बलि देकर नहीं…ये सिर्फ पेड़ों की लड़ाई नहीं है, बल्कि हमारे अस्तित्व की लड़ाई है.. हम इन पेड़ों को कटने नहीं देंगे..” “पेड़ बचाओ-जीवन बचाओ” के नारे के साथ अब ये आंदोलन पूरे शहर में फैलता जा रहा है…सोचिए एक साथ अगर 8 हजार पेड़ों को काटा जाएगा तो इस से जल-वायु संतुलन के साथ-साथ प्रकृति पर भी एक गहरा असर पड़ेगा…पहले ही भोपाल में स्मार्ट सिटी के नाम पर हजारो पेड़ों को काटा गया है….जिसका भुगतान आज पूरा भोपाल शहर कर रहा है…..अचानक भोपाल शहर का तापमान बढ़ना इसका जीता जागता उदाहऱण है…. और इसीलिए 8000 पेड़ों को बचाने के लिए बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जा रहा है…