साल के सबसे ज्यादा गर्म नौ दिन, जिन्हें नौतपा के नाम से भी जाना जाता है, वो 25 मई से शुरू हो रहे हैं। 2 जून तक चलने वाले नौतपा के दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में मौजूद रहेंगे। कहते हैं कि जितना ही ज्यादा वह रोहिणी नक्षत्र को जलाते हैं, उतनी ही अच्छी बारिश होती है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार नौतपा के दौरान आपको किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। इस समय विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे कार्यों को करना शुभ नहीं माना जाता। इन कार्यों को नौतपा के दौरान घर की शांति भंग हो सकती है। इस दौरान सूर्य से संबंधित वस्तुओं का अनादर करना भी आपको भारी पड़ सकता है।
नौतपा रविवार से शुरू होगा और 2 जून तक चलेगा। मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान के मुताबिक इस बार नौतपा प्री-मानसून बौछारों से भीगेगा। ऐसा हुआ तो लगातार पांचवें साल यह नौबत आएगी।
अनुमान यह भी है कि 2 साल बाद नौतपा में सबसे अधिक बारिश हो सकती है। 2013 में
13.4 मिमी बारिश हुई थी। शहर में नौतपा में पिछले 14 साल में 7 बार बारिश हुई। 2 बार सिर्फ तीन बूंदाबांदी हुई। तीन बार ऐसा हुआ
जब नौतपा में औसत तापमान 43 डिग्री से ज्यादा रहा। बाकी वर्षों में नौतपा में दिन का औसत तापमान 40 डिग्री से 42 डिग्री केआसपास रहा। दिन और रात के तापमान में गिरावट… शुक्रवार को दिन और रात के तापमान में गिरावट हुई। दिन का तापमान 36 डिग्री दर्ज किया गया। इसमें 1.4 डिग्री की कमी आई। रात का तापमान 23.2 डिग्री दर्ज किया गया। 24 घंटे में इसमें 2.2 डिग्री की गिरावट हुई।
4 साल पहले 2 इंच बरस गया था पानीः 4 साल पहले नौतपा खूब भीगा था। 25 मई से 2 जून तक 9 दिन में करीब 2 इंच (46 मिमी) पानी बरस गया था। यह पिछले 12 साल में नौतपा में हुई सबसे ज्यादा बारिश है।
2 साल 40 डिग्री से कम रहा नौतपा का औसत तापमानः पिछले लगातार 2 साल से नौतपा का औसत तापमान 40 डिग्री से कम रहा। मौसम के इन खास 9 दिनों में कम तापमान का ट्रेंड भी 2023 से ही शुरू हुआ।
नौतपा अगर ना तपे तो क्या होगा?
‘ नौतपा में शुरू के दो दिन अगर लू ना चले तो चूहों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी की संभावना बनती है। उसके अगले दो दिन अगर ना तपे तो कातरा यानी फसलों को हानि पहुंचाने वाले कीटाणु बढ़ जाते हैं।
नौतपा के क्या फायदे और नुकसान हैं?
नौतपा, जिसे रोहिणी नक्षत्र का प्रभाव भी कहा जाता है, एक 9 दिनों की अवधि होती है जब सूर्य की गर्मी सबसे अधिक होती है। यह अवधि मई-जून में आती है और इस दौरान अत्यधिक गर्मी से कुछ फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं।
फायदे:
- खेती के लिए फायदेमंद:
नौतपा की गर्मी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों और रोगों को दूर कर देती है, जिससे बाद में अच्छी बारिश होने पर फसलें बेहतर होती हैं। - रोगों से मुक्ति:
नौतपा के दौरान तेज गर्मी से मिट्टी में मौजूद कीड़े और रोग नष्ट हो जाते हैं, जिससे खेती की जमीन रोगमुक्त हो जाती है। - फसल चक्र को पूरा करने में मदद:
नौतपा की गर्मी फसल चक्र को पूरा करने में मदद करती है, जिससे किसानों को अपनी फसलें उगाने में सुविधा होती है।
नुकसान: - सेहत पर बुरा असर:
नौतपा के दौरान अत्यधिक गर्मी से लू, डिहाइड्रेशन, और पेट संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। - खानपान में गड़बड़:
नौतपा के दौरान अधिक तेल और मसाले वाला भोजन करने से पेट की समस्याएं हो सकती हैं। - मौसम संबंधी समस्याएं:
नौतपा के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है, जिससे अच्छी बारिश होने की संभावना बनती है। - मन पर नकारात्मक असर:
नौतपा के दौरान कुछ लोगों को मानसिक तनाव और चिंता महसूस हो सकती है।
कुल मिलाकर, नौतपा एक ऐसी अवधि है जो खेती के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही कुछ स्वास्थ्य संबंधी और मौसम संबंधी जोखिम भी जुड़े होते हैं। इस दौरान अपनी सेहत का खास ध्यान रखना और मौसम संबंधी सावधानियां बरतना जरूरी है।
नौतपा में क्या खाना चाहिए?
इसके अलावा, नौतपा के समय चाय, कॉफी का भी सेवन करने से बचना चाहिए. इन दिनों में सिर्फ नारियल पानी, नींबू पानी और छाछ जैसे पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिये।