
झूठी खबरों का प्रचार
हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर भ्रामक खबरें और वीडियो फैलाए जा रहे हैं. इनमें दावा किया गया कि पाकिस्तान ने भारत के राफेल विमानों को मार गिराया है. भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज करते हुए इन्हें फर्जी और भ्रामक करार दिया. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इन खबरों में पुरानी तस्वीरें और वीडियो का इस्तेमाल किया गया है जो सत्य से कोसों दूर हैं.
भारत सरकार के सूत्रों ने दावा किया कि राफेल को बदनाम करने की यह साजिश चीन और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है. इन देशों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से झूठा प्रचार किया जा रहा है ताकि भारत की सैन्य ताकत को कमजोर दिखाया जाए. विशेषज्ञों का कहना है कि यह अभियान राफेल की विश्वसनीयता और भारत की वायुसेना की ताकत को कमजोर करने का प्रयास है. राफेल की उन्नत तकनीक और युद्धक क्षमता को देखते हुए यह साजिश भारत की रक्षा तैयारियों को निशाना बना रही है.
रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना ने इन फर्जी दावों का खंडन करते हुए कहा कि कोई भी राफेल विमान नष्ट नहीं हुआ है. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने भी बयान जारी कर इन खबरों को आधारहीन बताया. मंत्रालय ने जनता से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली ऐसी खबरों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें. भारतीय सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि राफेल विमानों का प्रदर्शन असाधारण रहा है और ये देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं.
सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे इन झूठे दावों में पुरानी दुर्घटनाओं की तस्वीरें और वीडियो का इस्तेमाल किया गया है. कुछ पोस्ट में चार साल पुरानी घटनाओं को नया बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी फर्जी खबरें जनता में भय और अविश्वास पैदा करने का प्रयास हैं. सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से ऐसी सामग्री को हटाने और इसके प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है.
भारत सरकार ने इस साजिश के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को इन फर्जी खबरों के स्रोत का पता लगाने का जिम्मा सौंपा गया है. साथ ही जनता को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू करने की योजना है. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत करने के साथ-साथ साइबर युद्ध के खिलाफ भी तैयार रहना होगा. राफेल विमानों की ताकत और भारत की रक्षा तैयारियों पर यह प्रचार कोई असर नहीं डालेगा.