
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर अब क्या गेम करने वाले हैं? क्या कोई बड़ा गेम प्लान कर चुके हैं? पीएम मोदी की तारीफ के बाद अब ऐसी पोस्ट डाली है किजिसे देखकर कांग्रेस और कांग्रेस के नेता एक बार फिर बौखला उठे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो डेलीगेशन विदेश गया था, उसमें सबसे ज्यादा चर्चित कांग्रेस नेता शशि थरूर हैं। उनकी बयानबाजी से आलाकमान भी नाराज हो गए, साथी सहयोगी नेताओं ने भी तंज कसा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर कई बार सार्वजनिक मंच से पीएम मोदी की लीडरशिप की तारीफ कर चुके हैं। हालांकि, ये भी उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि पीएम मोदी की लीडरशिप की तारीफ करने का मतलब ये नहीं कि वो भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। कांग्रेस कहां मानने वाली है। इसी बीच थुरूर की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने पार्टी के अंदर सियासी घमासान तेज कर दिया है।
25 जून को उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि ‘किसी से इजाजत मत मांगो, ये पंख तुम्हारे हैं, चाहे आसमां किसी का भी क्यों न हो।’इस पोस्ट के साथ एक चिड़िया की तस्वीर साझा की गई, जो कई सवाल खड़े कर रही है। जैसे कि क्या कांग्रेस के अंदर थरूर किसी प्रकार की कैद में हैं? वो बंधन महसूस कर रहे हैं, तो क्या थरूर पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं? ये जानना बेहद जरूर है कि शशि थरूर ने अपने ऑफिसीयल एक्स अकाउंट पर ये पोस्ट किया है।
इसमें उन्होंने एक प्रेरणादायक संदेश के साथ एक छोटी सी चिड़िया की तस्वीर भी साझा की। पोस्ट के बाद से सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर है। कई लोग इसे कांग्रेस छोड़ने की ओर इशारा मान रहे हैं। खासकर तब जब हाल के दिनों में थरूर की भाजपा नेताओं से मुलाकातें और प्रधानमंत्री के साथ उनकी नजदीकियां चर्चा में रही हैं। हालांकि थरूर के इस पोस्ट और उनके बदले-बदले राजनीतिक सुर से कुछ नेता इसे गंभीरता से ले रहे हैं, तो कुछ इसे साधारण संदेश बता रहे हैं।
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि थरूर का अगला कदम पार्टी के भविष्य को जरूर प्रभावित कर सकता है। पिछले दिनों वैसे तो शशि थरूर ने कांग्रेस नेतृत्व से अपने मतभेदों को लेकर खुलकर बयान दिया। उन्होंने माना कि पार्टी में कुछ नेताओं के साथ उनकी राय अलग है, तो राय तो अलग किसी की भी हो सकती है। साथ ही ये भी साफ किया कि कांग्रेस उसके विचार और समर्पित कार्यकर्ता आज भी उनके दिल के बेहद करीब हैं।
गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस के वरिष्ट नेता शशि थरूर का बयान कांग्रेस के अंदर चल रहे पक्षपात और फेवरिज्म की तरफ साफ इशारा करता है। अगर आपको याद हो जब कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था, तब भी कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और जनता को लग रहा था कि शशि थरूर ही अध्यक्ष बनेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
हालांकि कांग्रेस का कहना है कि पार्टी ने निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराया था। थरूर का हारना भी उस समय उन्हें दरकिनार करने की एक साजिश ही लग रहा था। खैर ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या थरूर पार्टी से इस्तीफा देंगे या फिर पार्टी में रहकर ही पार्टी को ऐसे ही आईना दिखाते रहेंगे।